tag:blogger.com,1999:blog-7338682564613289699.post3200748850042404265..comments2024-02-21T06:21:43.492+05:30Comments on गुस्ताख़: आवारेपन का रोज़नामचाः जो मज़ा बनारस में...Manjit Thakurhttp://www.blogger.com/profile/09765421125256479319noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7338682564613289699.post-5478685646740247382013-03-20T07:44:10.967+05:302013-03-20T07:44:10.967+05:30बनारस भी घूम लिये ! जय हो!बनारस भी घूम लिये ! जय हो!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7338682564613289699.post-73132488232060164992013-03-04T14:48:01.129+05:302013-03-04T14:48:01.129+05:30हमें भी घाटों पर ही आनन्द आता है, लाभ कहाँ हमारे ब...हमें भी घाटों पर ही आनन्द आता है, लाभ कहाँ हमारे बस का।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7338682564613289699.post-29306512126347267682013-03-04T12:30:12.178+05:302013-03-04T12:30:12.178+05:30बनारस में पान की दुकान में जो कत्थे की छोटी सी हां...बनारस में पान की दुकान में जो कत्थे की छोटी सी हांडी होती है और दुकान में जो दोने मिलते हैं, वो अद्भुद है। विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य का कुछ अंदाजा लगा..? मैं तो बाबू सुंघनी साहू की गद्दी और कबीर का जन्मस्थल नहीं देख पाया था। कोशिश करना कि टाईम मिले तो लगे हाथ लमही भी हो आना।sushant jhahttps://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7338682564613289699.post-71063016797521567042013-03-04T09:31:57.949+05:302013-03-04T09:31:57.949+05:30बनारस की मिठाई और घाट पर जलती चिताएं। यही तो जीवन ...बनारस की मिठाई और घाट पर जलती चिताएं। यही तो जीवन है भाई। लेकिन यात्रा वृत्तांत को थोड़ा जल्छी समेटा है, इसलिए मेरे हिस्से में थोड़ा कम रस आया। उम्मीद है आगे मेरा हिस्सा बोनस में मिलेगा। Soumitra Royhttps://www.blogger.com/profile/07597573071553098150noreply@blogger.com