Thursday, October 4, 2007
प्याज महंगे होने का सकारात्मक पहलू.
लोग प्याज के मंहगे होने पर चिल्ला रहे हैं। कह रहे हैं सरकार को ध्यान देना चाहिए। सरकार ध्यान दे रही है। सरकार कामकाज छोड़कर प्याज बिकवा रही है। अब पुलिस वाले घर-घर जाकर प्याज बांटेंगे। धमकाकर कहेंगे.. प्याज ले जा किलो भर वरना थाने आकर हाजिरी बजानी होगी, हफ़्ते में दो बार। लोग पहले प्याज काट कर रोते थे। अब प्याज खरीदते वक्त रोते हैं। रोना लोगो की आदत में शुमार है। हर वक्त रोना , सरकार कुछ करे तब भी, ना कर तब तो रोएंगे ही। बहरहाल, ग्लास के खाली होने की तरह क्यों नहीं लेते हम इस घटना को। सरकार असली रामभक्त है। जय श्री राम रमेश की तरह। हिंदू धर्म का मर्म जानने वालों से पूछिए... प्याज गरम भोजन माना जाता है। विधवाओं के लिए प्याज पहले ही वर्जित है। मांस बनाएंगे तो प्याज डाले बिना काम चलेगा क्या? प्याज महंगा होगा तो लोग खरीदेंगे नहीं। सरकार को प्याज विदेशो में बेचने के लिए मुहैया हो जाएगा। देश में विदेशी मुद्रा की आमद बढ़ेगी। देश का विकास होगा। और आप कैसे देश भक्त हैं जो देश का विकास नहीं चाहते। प्याज न खरीद कर आप जिन रुपयों की बचत करेंगें उसे बैंक में डाल दें। मुंडी में बात घुसी कूढ़मगज....प्याज के दाम ब़ढ़ेंगे तो किसानों का फायदा होगा। भारत गांवों और किसानों का देश है, शषहर का पैसा दल्लो क मार्फत किसानों तक पहुंचेगा। धन का विकेंद्रीकरण होगा। लेनिन के केशविशेषों, देखो सरकार गरीबों के हित में किस तरह से काम कर रही है। चोरी-चोरी, चुपके-चुपके। किसी को पता भी नहीं चलेगा और छिपे छिपे देश का विकास भी होता रहेगा। प्याज-लहसुन नहीं खाना, मांसाहार न करना, मदिरापान न करना ये सब तो हिंदू धर्म की प्रमुख निशानियां हैं। सरकार उसी को बढ़ावा दे रही है। यह वही सरकार है, जिसने कुछ साल पहले राम लला के मंदिर का ताला खुलवाया था। जिसके एक और मुखिया ने विवाद्स्पद ढांचे के गिरने पर चुप्पी साध ली थी। अब वही सरकार प्याज मंहगा करके तुम्हे जीवन शैली की शुद्ध हिंदूवादी शैली सुझ रही है। और तुम हो कि मानने को तैयार नहीं, हल्ला मचाने वाले बेवकूफों सरकार की मंशा को समझो..... प्याज मंहगा होने दो। देश केविकास में अपना मौन योगदान दो।
Wow! You seem in your element, what a creative way of expression. I marvel at the way events are connected and their synthesis is being presented.
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