हे.. लटर-पटर दूनू टांग करै,
जे नहिं नबका भांग करै,
हे.. लटर-पटर दूनू टांग करै,
जे नहिं नबका भांग करै।।
आ रसगुल्ला इमहर सं आ,
इमहर सं आ, उमहर सँ आ,
सीधे मुंह में गुड़कल आ
एक सेर छाल्ही आ दू टा रसगुल्ला
एतबे टा मन मांग करै।
हे.. लटर-पटर दूनू टांग करै,
जे नहिं नबका भांग करै।।
अर्थात्, ((लटर-पटर दोनों टांग मेरी
क्या असरदार है नई भांग मेरी
ओ रसगुल्ले इधर से
आइधरर से आ, उधर से आ,
सीधे मुंह में गिरती आ
एक सेर मलाई और दो
रसगुल्लेइतनी ही है मांग मेरी))
बहुत खुब.लेकिन मेरा सर चकरा गया, जेसे किसी गोल घुमने पर चकराता है.
ReplyDeleteधन्यवाद
😀😂
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