Thursday, February 4, 2010

बाल ठाकरे और दाऊद के समधी




तमाम उम्र वह दूसरों को शीशा दिखाने में बिजी रहे, इतना कि खुद को आईने में देखने की कभी फुरसत ही नहीं मिली। विचारशून्य और दूरदृष्टिदोषग्रस्त राजनीतिक दल शिवसेना के प्रमुख बाल ठाकरे ने कभी खुद को आईने में देखा होता तो उन्हें अपनी कथनी और करनी का अंतर पता चलता।



सबसे पहला तो यही दाग जो वह शाह रुख़ में देख रहे हैं, यानी पाक क्रिकेटरों के साथ खड़े होने का। कल टीवी चैनल वालों ने बाल ठाकरे की पोल खोल दी और 2004 का एक फुटेज पेल दिया जिसमें ठाकरे, दाउद के समधी जावेद मियांदाद के साथ दिख रहे थे।



मियांदाक की अगवानी में बड़बोले राज और उद्धव भी हाथ बंधे खड़े दिखे। चैनलों ने पूरे देश को एक ऐसे शख्स की असलियत दिखा दी, जिसके दो चेहरे हैं। एक और तो वह भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच में पिच पर डामर उड़ेल देते हैं, विकेट खोद देते हैं और तमाम किस्म का गुलगपाड़ा मचाते हैं, दूसरी तरफ मियांदाद को दावत देते हैं।



अब वह शाहरुख को धमकी दे रहे है कि मन्नत मुंबई में ही है। अर्थात् माफी तो मांग ही लो।
यह सेना की फिसलती जा रही सियासत पर सान चढाने की कवायद भर ही माना जाना चाहिए और एक तरह से बयानबाजियों के दौर से शिवसेना प्रमुख ने राज ठाकरे की सियासत में सेंध तो लगा ही दी है।



दरअसल, कथित रुप से हिंदू हृदय सम्राट कहे जाने वाले ठाकरे की राजनीतिक ज़मीन बेहद पोली है। विकास का विज़न नहीं। भावनात्मक मुद्दों के अलावा उनके पास और कोई विजन ही नहीं। आमची मुंबई, मराठी मानुष और पाकिस्तान के खिलाफ़ ज़हर उगलने के सिवाय भविष्य के बारे में उनकी सोच और दिशा अभी तक साफ नहीं हो पाई है। सत्ता में रह कर ही शिवसेना ने कौन सा तीर मार लिया यह भी साफ नहीं।



बेतुके बाइटों के ज़रिए वह मीडिया में चढायमान तो हैं, लेकिन इससे उनका वोटबैंक कैसे समृद्ध होगा। मुझे तो लगता है कि सोचने और विचार करने वाला मराठी भी उनके जैसे संकीर्ण सोच वाले नेता को अपना समर्थन नहीं देगा। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में यह बात साबित हो ही चुकी है। 12-13 सीटें तो चिरकुट नेता भी जीत जाते हैं।



तो लब्बोलुआब यह कि या तो शिवसेना जैसी पार्टी को अपना भविष्य संवारने के लिए विकास और समग्र विकास के लिए अपना अजेंडा तय करना चाहिए और भड़काऊ बयानबाजी से दूर रहकर आम आदमी के हित में काम करना चाहिए, दूसरी और भूमिपुत्रों के हित को ध्यान में ऱखने के लिए विस्तृत विज़न अपनाना चाहिए।



अपना विकास ज्यादा ज़रुरी है, दूसरों के पेट पर लात मारने से। वैसे भी ऐसी ही हालत रही तो जिसतरह तमिलों के विरोध में उनकी गुंडागर्दी के खिलाफ दॿिण में सिनेमा विकसित हो गया। वैसे ही मुंबईया फिल्म इंडस्ट्री कहीं और शिफ्ट हो जाएगी।



विकास के लिए सबसे अहम गुंडागर्दी पर लगाम लगाना होता है, सत्ताधारी कांग्रेस जितनी जल्दी यह समझे उतना बेहतर। शिवसेना वाले चाहें तो बिहार के विकास के ग्राफ से सीख ले सकते हैं। गुंडागर्दी ने बिहार में विकास को जितना नुकसान पहुंचया और वहां के मेहनतकश लोगो को राज्य छोड़ने को मजबूर किया, यह जगजाहिर है।


2 comments:

  1. THAKUR ... .aapne bhi aapke dimag ki baati bujayee !!! jahir baat hai , north indian khun hai hereditary prob we cant help... ok forget hum north ya south indian wali baat nahi kar rahe hai ... BALA SAHEB THAKRE JI ki baat kar rahe hai so here i go........ yeh sach hai ki post kiye tasver mai HINDU SAMRAT BALA SAHEB THAKRE JI hai or unke sath javed miya, or yeh b sach hai ki yeh tasveer 2004 mai khichi gayee thi ..... SHIV SAINIKONE paki khiladiyo ko HINDUSTAN mai khel ne k liye virodh kiya tha (abhi bhi kar rahe hai) uske karan bhi anek hai so i think i donot have 2 mension tat y we HINDUTVAWADI's R ANTI PAKI ...bas kuch kathit hindustani sach baat ko najarandaj karna chate hai ( jahir baat hai jab kendra sarkar hi HARIT KARNTI MAI JUTI HAI tab aam hindu se kya expectation rakhe ) .... chalo aage bahdte hai ... to yeh tasverr tab ki hai jab HINDU SAMRAT THAKRE JI NE paki ko HINDUSTAN mai khelne ke liye virodh kiya tha tab AAP KE MIYA ne khud HINDU SAMRAT ke samne haat failaye taki HINDU SAMRAT KO convince kar sake so tat pakis r allowed 2 play in HINDUSTAN.... im nt sure b8 i think dilip vengsarkar was one 2 take YOUR MIYA to HINDU SAMRAT THAKRE...... n as u knw thakur YOUR javed MIYAdad met BALA SAHEB IN 2004 N DAWOOD'S DOUGHTER GOT MARRIED TO YOUR MIYA'S SON IN JULY 2005 so tilll dat DAWOOD N YOUR MIYA WERE NT SAMDIS OF EACH OTHER...... next is... OUR HINDU CLUTURE SAYS ATITHI DEVO BHAVA ..... thakur aab atithi dev bhav ka matlab mujse jyada tuje paata hai.... uske baad bhale kitna bhi bada dushman agar aapke ghar aaye to uska adar karna snman karna HINDU SANSKRITI sikhati bhale wo dushman paki hi q na ho ..... or isika adar rakhake BALA SAHAB NE AAP K MIYA K SATH SNEHA BHOJAN KIYA THA..... HUM DUSHMANI SHAAN SE KARTE HAI LACHAR HOKAR NAHI.... ab tv chanl k baremai bolte hai... hmmm yaar kya jaroori hai ki aaj k news chanels kya hai? mujse jyada to tumne ise media mai rehkar aapne baal safed kiye hai ...... aages bina soche bina samje bina kuch jane aapna dimag istamal maat karna ...... q k mai sabya bhasah mai baat nahi karsakti yeh tum achi taraha se jante ho..... any ways JAI HINDUTVA..........

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  2. आप किनसे नैतिकता की उम्मीद कर रहे है......माइकल जेक्सन की तस्वीर भी देखिये शायद मिल जायेगी.....

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