जय भोले महादेव-शिव-शंकर
मार दो अब दुश्मन को कंकर,
आज अखाडे मे भगवान,
घुमा दो तेजों में निज लंगर,
सामने दुश्मन आने ना पावे,
आ जाए तो जाने ना पावे.
मन के लड्डू फोड़-फोड़ के,
खाना चाहे तो खाने ना पावे,
उसे फंसा दो ऐसे जाल में,
घूमता फिरे फटे हाल में,
एक लंगड़ी ऐसी मारो,
बारहों महीना पिटे साल में
मारो ऐसा मिले ना पानी,
याद करा दो उसको नानी,
ये तेवर किस पर हैं ?
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की बधाई
ReplyDelete:) बहुत सही!!
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल