गुस्ताख़
मेरे अदब से सारे फरिश्ते सहम गए, ये कैसी वारदात मेरी, शायरी में है...
Saturday, May 19, 2012
चित्रः द अदरनेस ऑफ सेल्फ़
द अदरनेस ऑफ सेल्फ़; चित्रकारः
मंजीत
सालः
2000
मित्रों इस पेंटिग के लिए शीर्षक सुझाएं।
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
May 19, 2012 at 1:10 PM
अन्दर अन्दर पीड़ा पीना
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अन्दर अन्दर पीड़ा पीना
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