गुस्ताख़
मेरे अदब से सारे फरिश्ते सहम गए, ये कैसी वारदात मेरी, शायरी में है...
Wednesday, October 10, 2012
उत्तरकाशीः विपदा की कुछ तस्वीरें
विपदा के बाद उत्तर काशी...सब नदी की पेट में। फोटोः मंजीत
सिर ढांपने को छत तक न बची फोटोः मंजीत
इस अग्निशमन गाड़ी को नदी की धारा दो सौ मीटर धकेल लाई, जबकि पूरा टैंकर भरा है फोटोः मंजीत
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
October 10, 2012 at 8:07 AM
हे ईश्वर..
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हे ईश्वर..
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