ताज़ा खबर ये है कि बांगला फिल्मों के जानेमाने अभिनेता सौमित्र चटर्जी को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया जा सकता है। इस बारे में बाज़ार में खय्याम और प्राण के नामों पर भी विचार चल रहा था। लेकिन सूत्रों के मुताबिक बांगाली कार्ड कारगर हो गया है। और इस साल सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी मुंह फुला कर स्वीकारकरने वाले सौमित्र को दादा साहेब दिया जाएगा। बहरहाल ,हम उनकी काबिलियत पर शंका नहीं कर रहे और जानते हैं कि वह इसके काबिल हैं और उन्हें बहुत पहले ऐसे पुरस्कार मिल जाने चाहिए थे। आखिर सत्यजित रे के साथ उन्होंने १४ फिल्में की हैं।
ब्लॉगवाणी पर शीर्षक पढ़ कर जल्दी ये यही बात लिखने के लिये टिप्प्णी बक्से में आया हूँ कि कहीं लाल झंडे वालों को बरग़लाने की कोई चाल तो नहीं ये सम्मान.आपने भी बंगाली कार्ड का ज़िक्र तो कर ही दिया है..गुस्ताख़ जी.संदेश तो यही जाएगा.गुलज़ार साहब के नाम पर विचार कब होगा ..क्या जब वे छड़ी लेकर अशोक हॉल में आने की स्थिति में होंगे.हाय रब्बा कैसा ये खेला ?
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