Saturday, September 6, 2008






पत्रकारिता का अवसान निकट है॥ ये प्रेमकथा बडी मार्मिक है गौर से देखिए और टिप्पणी कीजिए.. हमारी उज्जवल टीवी पत्रकारिता का।

2 comments:

  1. सटीक............... :)

    -------------------------------


    निवेदन

    आप लिखते हैं, अपने ब्लॉग पर छापते हैं. आप चाहते हैं लोग आपको पढ़ें और आपको बतायें कि उनकी प्रतिक्रिया क्या है.

    ऐसा ही सब चाहते हैं.

    कृप्या दूसरों को पढ़ने और टिप्पणी कर अपनी प्रतिक्रिया देने में संकोच न करें.

    हिन्दी चिट्ठाकारी को सुदृण बनाने एवं उसके प्रसार-प्रचार के लिए यह कदम अति महत्वपूर्ण है, इसमें अपना भरसक योगदान करें.

    -समीर लाल
    -उड़न तश्तरी

    ReplyDelete
  2. bagh aur bagin ke pyar me india tv ki rtp chadi pahaad...

    ReplyDelete