Wednesday, October 5, 2016

आवारा झोंकेः दो

समंदर के पानी में हज़ार मछलियां
लेकिन हर मछली
तन्हा है। 


जंगल में होते हैं हज़ार पेड़
पर हर पेड़ मिट्टी में धंसा
और तन्हा है।
आसमान में उड़ते बादल के दोस्त भी
बरस कर मिल जाते मिट्टी में
और एक बादल रह जाता है पीछे
हवा में झूमता
तन्हा है।

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