Wednesday, December 18, 2019

ऋषभ पंत के लिए साल का अंत भला तो सब भला

ऋषभ पंत एक संभावनाओं से भरे खिलाड़ी हैं, पर इस पूरे साल उनके पैर क्रीज पर कंक्रीट में जमे से लगे. आड़ा-तिरछा शॉट चयन और लापरवाही भरा रवैया उनके बल्ले पर जंग लगाता गया. पर अब वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे में पचासा ठोंककर पंत की वापसी की उम्मीदें जागी हैं

यह साल विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत के लिए वाकई बेहद बुरा था. ऋषभ पंत एक संभावनाओं से भरे खिलाड़ी हैं, पर इस पूरे साल उनके पैर क्रीज पर कंक्रीट में जमे से लगे. आड़ा-तिरछा शॉट चयन और लापरवाही भरा रवैया उनके बल्ले पर जंग लगाता गया. पर अब वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे में पचासा ठोंककर पंत की वापसी की उम्मीदें जागी हैं. टीम में सम्राट की हैसियत रखने वाले महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेने वाले पंत ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेले गए तीन मैचों की सीरीज के पहले एकदिवसीय मैच में अपने स्वभाव के उलट खेलते हुए अर्धशतक जमाया.

साल की शुरुआत में जनवरी में ऑस्ट्रेलिय़ा के खिलाफ सिडनी टेस्ट का शतक छोड़ दें तो पूरे साल में पंत वनडे क्रिकेट में महज एक अर्धशतक लगा पाए थे. 2019 में पंत ने (वेस्टइंडीज सीरीज से पहले) कुल 9 वनडे मैच खेले थे और इनमें 23.55 की औसत से महज 188 रन बना पाए थे. जबकि 16 टी-20 मैचों में वे 252 रन ही बना पाए थे. टी-20 में 65 के उच्चतम स्कोर के बावजूद उनका औसत महज 21 का था.

जाहिर है, साल के आखिरी समय में पंत ने बताया कि वह स्थिति के मुताबिक खेल सकते हैं. आलोचकों के साथ ही सोशल मीडिया पर लोग लापरवाह रवैये के लिए पंत की काफी आलोचना करते रहे हैं. लेकिन पंत ने इस पारी के बाद कहा कि वह हर दिन अपने खेल में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं.

मैच के बाद पंत ने कहा, "स्वाभाविक खेल जैसा कुछ नहीं होता. हमें स्थिति के हिसाब से खेलना होता है. अगर आप स्थिति के हिसाब से खेलेंगे तो आप अच्छा कर सकते हैं. मेरा ध्यान एक खिलाड़ी के तौर पर बेहतर होने और सुधार करने पर है. आपको अपने आप में विश्वास रखना होता है. मैं सिर्फ इस बात पर ध्यान दे रहा हूं कि मैं क्या कर सकता हूं."

पंत ने जब से सीमित ओवरों में महेंद्र सिंह धोनी का स्थान लिया है तब से उनकी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग के लिए उनकी आलोचना की जाती रही है. पहला वनडे धोनी के दूसरे घर चेन्नै में ही था और इस मैदान पर दर्शकों ने पंत-पंत के नारे लगाए. इसके उलट इससे पहले पंत जब मैदान पर उतरे थे तो धोनी-धोनी के नारे लगे थे.

इस पर पंत ने कहा, "कई बार जब आपको दर्शकों का समर्थन मिलता है तो वो आपके लिए काफी अहम होता है क्योंकि मैं निजी तौर पर बड़ा स्कोर करने की सोच रहा था लेकिन कर नहीं पा रहा था. मैं यह नहीं कह रहा कि मैं उस मुकाम तक पहुंच गया लेकिन मैं कोशिश जरूर कर रहा हूं. एक टीम के नजरिए से, मैं टीम की जीत में जो कर सकता हूं वो करूंगा. मेरा ध्यान इसी पर है और अंत में मैंने कुछ रन किए."

पंत ने बेशक कुछ रन बनाए हैं पर उन्हें अपने नजरिए में सुधार करना होगा. उन्हें उस विरासत का भी खयाल रखना होगा कि जिस जगह को उनके लिए खुद सम्राट धोनी ने खाली किया है, उस पर लोगों की उम्मीद भरी निगाहें जमी हुई हैं.

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