Thursday, April 11, 2019

सत्ता की हसरत में कसरत करते पटनायक

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बहत्तर साल के हैं, फिर भी जिम में हिंदी फिल्मों के नायकों की तरह सारी कसरतें कर रहे हैं. बीजू पटनायक से विरासत में सत्ता हासिल करने वाले तकरीबन राजकुमार और संपूर्ण मितभाषी नवीन पटनायक को आखिर अपनी कसरत करते हुए वीडियो क्यों जारी करना पड़ा. उनकी पार्टी ने यह वीडियो जारी किया, कई पत्रकारों को बुलाकर वर्जिश करते हुए वीडियो बनवाए, इंटरव्यू भी दिया. सवाल हैः क्यों? जवाब है सियासत. सियासत ऐसी शै है जो, नेताओं से जो न करवा ले सो कम.

बहत्तर साल की उम्र में नवीन पटनायक अपनी सेहत को लेकर परेशान हों न हों (आसमान उनके अच्छी सेहत बख्शे), अलबत्ता सेहत को लेकर चल रही अटकलों से पटनायक परेशान थे.

सोमवार को उन्होंने एक टीवी चैनल को एक्सरसाइज करते हुए भी इंटरव्यू दिया. बाद में टहलते हुए (वाक दि टाक) भी बातचीत की. पटनायक बेहद सावधान हैं कि ऐसा कुछ न दिखे जिससे किसी को उनकी सेहत पर टिप्पणी का मौका मिल पाए. तो फिर उनके स्वास्थ्य पर यह चर्चा कैसी? पटनायक इसका ठीकरा पूर्व सांसद भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और केंद्रपाड़ा से लोकसभा प्रत्याशी बैजयंत पांडा पर फोड़ते हैं. पटनायक कहते हैं, सेहत को लेकर अफवाह फैलाने उन्हीं ने फैलाई है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री अभी लोकसभा और विधानसभा दो मोर्चे पर भाजपा की चुनौती से मुकाबिल हैं. और जनता के बीच उनके बीमार होने की खबरें, उनके सियासी भविष्य पर सवालिया निशान लगा सकती थीं. पहले भी उनकी सेहत पर सवाल उठाए जाते रहे हैं. सवाल यह भी उठते थे कि नवीन पटनायक के बाद कौन. जाहिर है ऐसे सवाल चुनाव से जूझ रहे नेता को परेशान करने के लिए काफी होते हैं. इन सवालों पर पटनायक का जवाब होता थाः वारिस तो बीजेडी और ओडिशा के लोग तय करेंगे. पर सियासी गलियारों में उनकी बहन गीता मेहता का नाम उछलने लगा था.

अटकलें थीं कि नवीन पटनायक की गिरती सेहत के कारण हो सकता है कि गीता मेहता कमान संभाल लें. पर पहले तो पटनायक ने गीता मेहता के राजनीति में न आने की बात कही, फिर अपनी फिटनेस को साबित करने वाले वीडियो के साथ आए.

बहरहाल, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उनकी सेहत और ओडिया ज्ञान को चुनावी मुद्दा बना डाला है. पिछली कुछ सभाओं में शाह ने यह भी कहा कि अबकी बार सीएम ऐसा हो जिसे खूब ओडिया आती हो.

पटनायक इस पर भी रक्षात्मक मुद्रा में आए और एक टीवी चैनल को बताया कि उनकी ओडिया भाषा कुछ लोग नाहक सवाल उठाते हैं. जबकि उन्हें ओडिया आती है. बदले में वह भाजपा पर कंधमाल का मामला उछाल रहे हैं. सवाल घूम-फिरकर यही आता है कि बजाए जनता की सेहत के ओडिशा में नवीन पटनायक की सेहत चुनावी मुद्दा क्यों है और अगर है तो उसका जवाब देने की जरूरत क्या थी?

असल में, ओडिशा में भाजपा धुआंधार रैलियां कर रही हैं और उसकी रणनीति है कि वह इस बार ओडिशा में अपनी सीटों की गिनती बढ़ाए. पिछली लोकसभा में ओडिशा से भाजपा को महज एक सीट मिली थी. बाकी की बीस सीटें नवीन पटनायक के खाते में थीं. खराब सेहत का सवाल नवीन पटनायक के जादू को कमजोर कर सकता है और लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनावों में अब तक वोट उन्हीं के नाम पर पड़ते रहे हैं.

अगर सियासत के रणक्षेत्र में नवीन पटनायक जैसा महारथी सेहत के नाम पर कमजोर दिखा तो जाहिर है वोट भी कम पड़ेंगे. वोटर यह तो नहीं चाहेगा कि उनका नेता बीमार हो.

ऐसे में ओडिशा में जब कांग्रेस नई तैयारी के साथ मैदान में है और भाजपा नई चुनौती के रूप में सामने है. नवीन पटनायक खुद को फिट बताने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. वीडियो उनकी फिटनेस साबित भी कर रहा है, पर उसके साथ ही यह भी साबित कर रहा है कि इस बार पटनायक के लिए चुनावी चुनौती पिछली बार की तुलना में कहीं अधिक कठिन है और वे उसे हल्के में नहीं ले सकते.

बहरहाल, बिना इस बात पर कोई शक किए कि नवीन पटनायक चुस्त-दुरुस्त हैं. जिम वाली सारी कसरतें ठीक-ठाक कर ले रहे हैं. वजन उठा पा रहे हैं. यह कसरत पांचवीं बार लगातार मुख्यमंत्री बनने और सत्ता में लौटने की उनकी हसरत भी पूरी कर देगा. चुनांचे, हमें बस एक सवाल कोंच रहा है कि सेहतमंद मुख्यमंत्री की जनता की सेहत की हालत क्या है.



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