Sunday, June 18, 2023

मेरा पहला उपन्यास गर्भनाल

एक अच्छी खबर शेयर करनी है. बहुत लंबे समय से प्रतीक्षा थी, वह क्षण आ गया है. मेरा पहला प्रिंट उपन्यास गर्भनाल बस आ रहा है. यह उपन्यास अभिजीत और मृगांका की प्रेम कहानी तो है ही, यह उस प्रेम को अलग स्तर पर ले जाती है. यहां जड़ों की तलाश में निकले नायक अभिजीत को मिलता है मृगांका का साथ. 

कैसे, इसका उत्तर आपको उपन्यास में ही मिलेगा. ऐसे दौर में, जब लंबी रेखीय कहानी को भी उपन्यास कहा जाता है. गर्भनाल को मैंने औपन्यासिक शैली में लिखने की कोशिश की है, जिसकी कथा अरेखीय और बहुस्तरीय है. 

इस किताब को आपके प्रेम और स्नेह की आवश्यकता है.


यह उपन्यास ईसमाद प्रकाशन ने प्रकाशित किया है और यह अमेजन, फ्लिपकार्ट, दिनकर पुस्तकालय, पोथीघर और ईसमाद के वेबसाइट के जरिए खरीदा जा सकेगा. 20 जून से यह ऑनलाइन उपलब्ध होगा. लिंक कल शेयर करुंगा.

उपन्यास की कीमत 399 रुपए मात्र है. 

#Garbhnaal #गर्भनाल 



Wednesday, June 7, 2023

लोकसभा चुनाव 2024- पश्चिम बंगाल में बिछ गई जातीय बिसात, कुर्मी और संताल आदिवासी आमने-सामने

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में लगता है लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) की तैयारियां ग्यारह महीने पहले से शुरू हो गई हैं. और इस बार पहल सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) ने की है. असल में, पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कुर्मी समुदाय (Kurmi) ने आरोप लगाया है कि राज्य में संताल जनजातीय समुदाय को उनके खिलाफ भड़काया जा रहा है और यह साजिश प्रशासन की है.

गौरतलब है कि कुर्मी समुदाय (Kurmi) के लोग पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अनुसूचित जनजाति के दर्जे के लिए इन दिनों प्रदर्शन कर रहे हैं. कुर्मी नेता अजीत महतो ने कहा एक न्यूज एजेंसी को बताया, “आदिवासी समुदाय के लोगों को हमारे खिलाफ भड़काने की साफ साजिश है. इस साजिश के पीछे प्रशासन है. इस साजिश के पीछे मुख्य दिमाग कोलकाता से चल रहा है.”

हालांकि, उन्होंने कोई नाम देने से इनकार कर दिया.


कुर्मी जाति (Kurmi) के लोगों और राज्य सरकार के बीच कुछ समय से तनाव बढ़ रहा है. पहले एसटी दर्जे की मांग को लेकर लगातार विरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए और फिर हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमला हो गया. इससे तनाव चरम पर पहुंच गया है.

आरोप लगाए जा रहे हैं कि कथित तौर पर इस हमले के पीछे कुर्मी समुदाय (Kurmi) के लोगों का हाथ था. उस हमले में बनर्जी के काफिले में चल रहे पश्चिम बंगाल के मंत्री बीरबाहा हांसदा के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. इधर, संताल समुदाय से आने वाली मंत्री हांसदा ने उस समय हमलावरों के खिलाफ तीखा हमला किया और अंत तक अंजाम भुगतने की धमकी भी दी.

मामले में अब तक पुलिस ने तीन शीर्ष कुर्मी (Kurmi) नेताओं समेत कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. महतो ने कहा कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के समर्थन में आंदोलन जारी रखने के अलावा गिरफ्तार किए गए कुर्मी नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन आने वाले दिनों में और उग्र होगा.

महतो ने कहा, प्रदर्शन के तहत सांसद व विधायक जैसे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के आवास तक बाइक रैली निकाली जाएगी. हम राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के आगामी चुनावों के लिए जल्द ही अपनी रणनीति को अंतिम रूप देंगे. हम अपनी मांग को पूरा करने के लिए अंत तक लड़ेंगे.

जो भी हो, जातीय द्वेष के आधार पर बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) काफी दिलचस्प होने वाला है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) के पास पहले ही मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव है. यह पिछले विधानसभा चुनाव 2021 में स्पष्ट दिखा था.

जिस बंगाल (West Bengal) की राजनीति को वर्गीय चेतना की राजनीति का गढ़ माना जाता था वहां अब पहले धार्मिक और अब जातीय विभेद राजनीति की दिशा तय करेंगे.