चारों पारियों में कोई भी टीम 175 रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई. इंग्लैंड को चौथी पारी में 175 रन बनाने थे, जो उन्होंने बैजबॉल के नाम पर टी-20नुमा आड़े-तिरेछे शॉट खेलकर खींच-तान कर बना लिए. मुझे इस मैच में इंग्लैंड के बल्लेबाजों में सूर्य कुमार यादव का अक्स दिखा, जिसमें कला कम और दम अधिक होता है. पर यह विकेट गेंदबाजों के लिए जन्नत थी.
विकेट पर 10 मिमी घास थी और टप्पा खाने के बाद गेंद केले की तरह घुमाव ले रही थी. करीबन 30 फीसद रन बल्ले की कन्नी लगकर स्लिप या लेग स्लिप में फिसलकर बने.
पूरे मैच के दौरान विकेट पर सीम मूवमेंट रही और बल्लेबाज़ों की नाक में दम रहा. मैच में कुल 142 ओवरों में 36 विकेट गिरे, जिसमें तेज़ गेंदबाज़ों का पूरी तरह दबदबा रहा और एक भी ओवर स्पिन गेंदबाज़ी का नहीं डाला गया.
हालांकि, पर्थ टेस्ट के मुकाबले इस टेस्ट में पांच गेंदे अधिक डाली गईं. इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने अपनी राय बेबाकी से रखी है और संकेत दिया कि यदि ऐसी पिच दुनिया के किसी और हिस्से में तैयार की जाती, तो उस पर कड़े सवाल खड़े होते.
हालांकि, पर्थ टेस्ट के मुकाबले इस टेस्ट में पांच गेंदे अधिक डाली गईं. इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने अपनी राय बेबाकी से रखी है और संकेत दिया कि यदि ऐसी पिच दुनिया के किसी और हिस्से में तैयार की जाती, तो उस पर कड़े सवाल खड़े होते.
वैसे, दिलचस्प बात यह है कि पिछले महीने पर्थ में खेले गए टेस्ट को ,जो तीसरे दिन तक भी नहीं पहुँच सका आईसीसी ने “बहुत अच्छी” पिच की रेटिंग दी थी, जो सर्वोच्च रेटिंग है.
बहरहाल, मैं यह तय नहीं कर पा रहा था कि मैं लाइव मैच देख रहा हूं या हाइलाइट. यह भी हो सकता है कि आइसीसी टी-20 के दौर में टेस्ट मैचों को जीवन्त और प्रासंगिक बनाए रखने के लिए ही ऐसे विकेट तैयार करवाने के निर्देश दे रहा हो.
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