शामिल तेरी हयात मेरी शायरी में है
अब पूरी कायनात मेरी शायरी में है।
ये नज़्म, ये ग़ज़ल, ये क़ता ये रुबाईयां,
ख्वाबों की इक जमात मेरी शायरी में है।
दिन भर की दौड़-धूप, थकन और बेकसी
उसपर सितम की रात, मेरी शायरी में है।
मेरे अदब से सारे फरिश्ते सहम गए,
ये कैसी वारदात मेरी, शायरी में है।
गुस्ताख़ लग रहा है ज़माने को फलसफ़ा,
लेकिन ज़रा-सी बात मेरी शायरी में है।
अब पूरी कायनात मेरी शायरी में है।
ये नज़्म, ये ग़ज़ल, ये क़ता ये रुबाईयां,
ख्वाबों की इक जमात मेरी शायरी में है।
दिन भर की दौड़-धूप, थकन और बेकसी
उसपर सितम की रात, मेरी शायरी में है।
मेरे अदब से सारे फरिश्ते सहम गए,
ये कैसी वारदात मेरी, शायरी में है।
गुस्ताख़ लग रहा है ज़माने को फलसफ़ा,
लेकिन ज़रा-सी बात मेरी शायरी में है।
9 comments:
kuchh ho na ho magar ye sochta hai kyun
jo baat hai yahaan naa meri shaayari me hai ...
badhaayee
arsh
गुस्ताख़ लग रहा है ज़माने को फलसफ़ा,
लेकिन ज़रा-सी बात मेरी शायरी में है।
बहुत ख़ूब. बधाई.
बहुत अच्छा लिखा
दिन भर की दौड़-धूप, थकन और बेकसी
उसपर सितम की रात, मेरी शायरी में है।
दिन भर की दौड़-धूप, थकन और बेकसी
उसपर सितम की रात, मेरी शायरी में है।
मेरे अदब से सारे फरिश्ते सहम गए,
ये कैसी वारदात मेरी, शायरी में है।
waah waah kya kehne,sone pe suhaga,bahut sunder.
दिन भर की दौड़-धूप, थकन और बेकसी
उसपर सितम की रात, मेरी शायरी में है।
कौन कहता है ये आपकी पहली ग़ज़ल है...अगर है तो वाकई हैरानी की बात है...इतने खूबसूरत शेर पहली ही ग़ज़ल में...सुभान अल्लाह...ज़ोरे कलम और जियादा...
नीरज
गोया के अब फोटो देखकर लग रहा है की बुद्दिजीवी लोग शायर हो गए है....अब ठुड्डी से हाथ उठाये ...
waah waah dil khush ho gaya
venus kesari
bahut hi umda .....
kuch yaad dilaya apki ghazal ne...
पा कर रहूँगा अपना प्यार ,
गर एह बार फिर हुआ दीदार।
जो अबकी न पाया तो न सही ,
वैसे भी होता है अब 'शोहदों' में शुमार।
गुस्ताख...अच्छी गुस्ताखी कर रहे हो...जारी रखिये...
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