ब्लाग मे तकनीकी खराबी आई थी और जो मेरे दिल को बेहद दुखी कर रही थी वह तकनीकी खामी दूर कर ली गई है। अब मैं बेहद राहत महसूस कर रहा हूं। दुख की इस घड़ी में ब्लागर मित्रों ने मुझे जो सांत्वना दी उसका मैं कायल हूं। लेकिन जिन्हें व्यक्तिगत रुप से मुझे राय दी और तकनीकी सहायता भी उऩ्हें याद ना करना कुफ्र होगा।
निश्चित रुप से मैं कविता वाचक्नवी, बी एस पावला और डॉ अनुराग का आभारी रहूंगा जो मेरे विषाद के ॿणों में मेरे साथ वर्चुअल वर्ल्ड में खडे रहे।
तो दोस्तों, तैयार हो जाइए, गुस्ताख तैयार है फैर (फायर) करने के लिए, आप तैयार हो जाइए कमेंट के लिए..।
निश्चित रुप से मैं कविता वाचक्नवी, बी एस पावला और डॉ अनुराग का आभारी रहूंगा जो मेरे विषाद के ॿणों में मेरे साथ वर्चुअल वर्ल्ड में खडे रहे।
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