कोई आपको बरगलाए कि हिंदी में लिखकर लाखों कमा सकते हो और वह भी घर बैठे तो उसके बहकावे में नहीं आना है। कुछ कथित आला दरजे के लेखकों ने हिंदी पाठकों को ऐसा दिक किया है कि लोगों ने पढ़ना ही छोड़ दिया है। वैसे भी हिंदी का लेखक लेखन का काम पार्टटाइम ही करता है। और अगर होल टाइमर है तो अमूमन दलिद्दर ही होता है।
आजतक हिंदी का कोई 'सर्टिफाइड साहित्यकार' किताब की कमाई से लखपति नहीं बना है। तो ऐसे किसी भी भ्रमजाल में फंसना नहीं है। है कि नहीं.
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