Friday, November 13, 2009

झारखंड: पैंतरा दोनों ओर से है..

एक-दूसरे को कोसते-कोसते भाजपा पलट जिन भाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी और कांग्रेस की ताजा दोस्ती हुई है, उसका हश्र क्या होगा? सूबे में इस सवाल का जवाब खोजा जा रहा है।

सही उत्तर तो चुनाव परिणाम के बाद ही सामने आएंगे, लेकिन कांग्रेस और बाबूलाल कि निष्ठा को लेकर बहस छिड़ी हुई है।



कहने वाले तो कहते हैं, जब कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन की न हुई, जब आरजेडी वाले लालू यादव और एलजेपी वाले रामविलास पासवान की नहीं हुई तो बाबूलाल किस खेत की मूली है।


पलटवार यह कि जिस संघ की हाफ पैंट की बदौलत झोलाछाप मास्टर से ऊपर उठकर बाबूलाल भाजपा के भग-वे के भरोसे केंद्र में मंत्री बने, राज्य के मुख्यमंत्री बने, वे जब उसके न हुए तो कांग्रेस के नीचे कब तक रहेगे?



अर्थात्, पैंतरा दोनों ओर से है..।

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