Saturday, January 19, 2013

राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने से क्या होगा?

सवाल बहुत टेढ़ा है। टेढ़ा है पर मेरा है। आखिर राहुल गांधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाकर क्या होगा? और अगर आज यह घोषित किया गया कि राहुल गांधी आज कांग्रेस के नंबर दो बन गए हैं, तो कोई साफ करेगा कि कल तक वो क्या थे।

और कल तक अगर कुछ और थे तो किसी कांग्रेसी महासचिव की तुलना में उनका वज़न इतना ज्यादा क्यों था। और अगर कल उनका वजन, उनका क़द पहले ही ज्यादा था, तो नंबर दो घोषित करने की वजह क्या है।

जनाब जयराम रमेश ने चिंतन शिविर में पहले ही चिंता व्यक्त कर दी है कि कांग्रेस अपने बूते सत्ता में नहीं आ पाएगी। यह बात तो राजनीति, पत्रकारिता और सामान्य नर-नारियों को पहले से पता है, रमेश बाबू कुछ तो नया कहिए।

अगला चुनाव कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की अगुआई में लड़ा जाए। तो बिहार, यूपी, पंजाब वगैरह के पिछले चुनाव आपने किसकी अगुआई में लड़े थे।

फिर भी, चिंतन शिविर में हुई बातचीत और राहुल बाबा के नाम को आगे करने, उसके समर्थन करने के इस किस्से पर मुझे एक वाकया याद आ रहा है। एक डॉक्टर और उसके जूनियर इंटर्नों के बीच की बात-चीत है। खालिस किस्सा है, कहीं पढ़ा था। इसका किसी राजनीतिज्ञ से कोई लेना-देना नहीं।

"सड़क पर डॉक्टर साहब अपने जूनियर डॉक्टरों से घिरे आ रहे हैं। वे कुछ कह रहे थे और बाकी के लोग आगे आ-आकर उनकी हां में हां मिला रहे थे। आगे आकर दूसरे से पहले हां कहने के चक्कर में जूनियर डॉक्टर कई बार बड़े डॉक्साब के पैरों तले आते-आते रह जाते या किसी गड्ढे में पैर दे डालते।

क्यो भई, आपको क्या लगता  है। क्या केस है ये?
सर मुझे तो वह...सर जैसा आप कहें।
यह अपेंडिसाइटिस तो नहीं लगता।
हां सर, यह अपेंडिसाइटिस तो नहीं है।
वैसे राइट आइलियक फोसा में दर्द और टेंडरनेस होने के कारण अपेंडिसाइटिस भी हो सकता है।
हां सर, यह अपेंडिसाइटिस भी हो सकता है।
पर यह अपेंडिसाइटिस नहीं है।
हां सर, यह केस अपेंडिसाइटिस तो नहीं है।
यह केस किसने रेफर किया था
डॉक्टर द्विवेदी ने
द्विवेदी गधा है
जी सर
यह केस अमीबिक लिवर तथा अमीबिक कोलायटिस क्यों नही है
हां सर, लगता तो वही है
तुम क्या कहते हो
जी आप जैसा कहे
यार है तो यह अपेंडिसाइटिस ही है अमीबिक लीवर तो बिलकुल नहीं
हां सर लिवर तो बढ़ा है ही नहीं
उसे पक्का अपेंडिसाइटिस ही है
उसका ब्लड काउंट भी बहुत है
जी हां, ब्लड काउंट भी बहुत था
वैसे रिपोर्ट गलत भी हो सकती है।
जी सर आजकल रिपोर्ट बहुत गड़बड़ आ रही है
फिर भी य.ह तो तय नहीं कि अपेंडिसाइटिस ही है
जी हां, ये कैसे कह सकते हैं
यस सर यह अमीबिक ही लगता है

तय रहा कि यह डॉक्टर अगले चुनाव में पार्टी का ऑपरेशन करके मानेगा। आप वोट देने जाइएगा, युवा शक्ति इस नए डॉक्टर की तरफ आशा भरी निगाहो से देख रहा है, ऐसा कई जूनियर डॉक्टर मान रहे है।

मरीज़ों ने विजय चौक और राजपथ पर लाठियां खाते हुए जब जनपथ की ओर ताका था तो यह युवा नेता पता नहीं कही छुट्टियां मना रहा था। राजनीति में छुट्टियां मनाना बहुत जरूरी है। लेकिन ध्यान रखना पड़ता है कि छुट्टियां ज्यादा लंबी न हो जाए, वरना जनता छुट्टी कर देती है।




1 comment:

अनूप शुक्ल said...

रोचक! कल दैनिक भास्कर में इसका अंश छपा था!