Thursday, January 31, 2013

इंद्रधनुषी कविताः नीला


अगर जीवन है
तो सपने हैं
सपने हैं, 
तो प्यार है

प्यार है, 
दुलार है,
जीना है 
तो वेदना भी
संवेदना भी

हंसो तो भी, रो दो तब भी
कुछ रसीला है, कुछ पनीला है
प्यार तो दूब पर गिरे 
ओस-सा गीला है

सच में संवेदनाओं का रंग 
नीला है।

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

आसमान और जल, दोनों ही संवेदनाओं से भरा है..