मेरे अदब से सारे फरिश्ते सहम गए,
ये कैसी वारदात मेरी, शायरी में है...
Saturday, April 12, 2008
आधुनिक कबीर के पद
कुछ लेना न देना मगन रहना अंगूर के सत्त का बना रस है, जाम-ए-बौले मेरी मैना आइस क्यूब भी पैमाने में, देख सखी तू खोल दे नैना गहरी नदिया नाव पुरानी, बार बाला से मिलते रहना कहत कबीर सुनौ भई साधौ, कादो-कीच में लिपटे रहना
1 comment:
now days no 1 watch kabir ka pad n doha
n every1 listens 2 rock songs me2
but project mila hai toh i came here
:)
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