Monday, April 21, 2008

आईपीएल और राहुल बाबा 1


कल कोलकाता नाइट राइडर्स और डेक्कन चार्जर्स के मैच में अपने देश के युवराज और भावी प्रधानमंत्री राहुल गांधी, प्रियंका और राब्रट वाड्रा मौजूद थे। क्रिकेटिया ड्रेस में खूब नाचे भी। देश की जनवता खुश हो गई। युवराज नाच रहे हैं, बहनोई और बहन के साथ नाच रहे हैं। शाहरुख और विजय माल्या प्रिटी और अक्षय की तरह नातच रहे हैं। साथ मं जनता को नचा रहे हैं।

अभी कुछ दिन पहले राहुल बुंदेलखंड में थे। पानी की बात कर रहे थे। बुंदेलखंड की प्यास बुझाने का तरीका खोजने के लिए ही राहुल ईडेन गार्डन में थे। हर चौके-छक्के के साथ विदेशी बालाओं के थिरकते नितंबों के बीच देश के विकास का चिंतन हो रहा था। धन्य हो, साधु-साधु।

राहुल गांधी ने दलितों की चिंता के लिए ईडेवन गार्डन चुना था। दलितों के बीच प्यार बांटने का उनका काम वंचित तबके की महिलाओं के साथ परांठे खाने मात्र से पूरा नहीं हुआ। इसके लिए और अधिक प्रोपेगैंडा की ज़रूरत थी। ये काम कमिश्नर के दफ्तर में धरने से भी पूरा नहीं हो सकता। आईपीएल इसके लिए सबसे मुफीद जगह है। चकाचौंध, ग्लैमर की बात हो, तो राहुल उसका फायदा न उठाएं य कैसे हो सकता है। उनके सलाहकारों ने उन्हे ईडेन जाने की ज़रूरत बताई। राहुल हर जगह छाना चाहते हैं, कोलंबिया से कोच्चि तक, लेकिन ईडेन में अचानक गुल हुई बत्ती से शायद उन्हे सबक मिले। राजनिति में भी बत्ती कभी भी गुल हो सकती है राहुल बाबा।

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