Monday, February 18, 2008

प्रेम गली पार्ट-२



प्रेम वैलेंटाईन दिवस का मोहताज नहीं होता। हमारे यहां यह क्रिया-कलाप बहुत दिनों से संपन्न किया जाता रहा है। अब जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि आप पड़ोस की बिल्लो रानी पर अरसे से आसक्त हैं और यह बात उन्हें पता भी नहीं है। तो कुछ ऐसा कीजिए कि बिल्लो आप पर रीझ जाएं,-

ऐसा कीजिए कि गले में लाल या ऐसे ही किसी रंग का - जो आंखों में बरछी की तरह चुभ सके- रूमाल गले में बांध लें। फिर उपर से आंखो पर काले रंग का चश्मा। वल्लाह, क्या कहने..। लोग बाग कहते ही होंगे कि काले चश्मे में आप अक्षय कुमार की तरह बंबास्टिक दिखते हैं। तो इसी ड्रैस अप के साथ आप फैशन परेड मे सामिल होइए.. औरप्रेम गली के दो-चार चक्कर मार आइए।

दूसरा तरीका ये है कि लड़की को एकटक देखते रहिए। कभी-न-कभी वह भी आपकी ओर देखेगी। ज्योंहि आंखे मिले आप अपनी दाईं या बाईं ओर की आंख दबा दें। इसे आंख मारना कहते हैं। आपके आंख दबाते ही लड़की आपका पापी मंतव्य समझ जाएगी। हां, इस विधि में खतरा ये है कि लड़की तक अगर आपका मंतव्य पहुंच नहीं पाया, यानी कुछ कम्युनिकेशन गैप हो जाए, तो लड़की आपको काना या भैंगा समझ सकती है। और हां, काला चश्मा पहन कर भी ये क्रिया संपन्न नहीं की जा सकती।

एक अन्य तरीका यह है कि लड़की जब भी घर से निकले, यानी घर से कॉलेज तक या स्कूल तक, या फिर ट्यूशन को ही निकले तो आप भी उसके पीछे लग लो। फायदा यह कि या तो आप घर से कॉलेज के बीच कहीं पिट-पिटा जाएंगे, जो कि प्यार की कठिन राह में बड़ी मामूली बात है, या फिर दो-चार दिनों में लड़की यह जान जाएगी कि यह जो रोज़ मेरे पीछे कुत्ते की तरह आता है, मुझसे प्यार करता है। इस तरह या तो आप का गठबंधन यूपीए की तरह चल निकलेगा, और आप अभूतपूर्व प्रेमी का खिताब पा जाएगे, या फिर भूतपूर्व।

वैसे ये सब न चलें, तो कुछ दूसरे तरीके भी है,जिनकी चर्चा फिर कभी करूंगा। कुछ डायरेक्ट ऐक्शन तरीके हैं, कुछ अंगूठियों का कमाल ....

1 comment:

अजय रोहिला said...

अबे इतना सी ग्रेड आइडिया दोगे तो कोई भी पिटा जाएगा। प्यार व्यार तो बहुत बाद की चीज है। अब ये फिल्मी आइडियास पुराने हो गये है। कुछ नया सुनाओ।....