Thursday, February 21, 2008

अनूठी हैं अनुष्का




संगीत के स्वर ईश्वर होते हैं यह तो आपने सुना ही होगा, लेकिन इसके सुर अब भूख से भी लड़ने को तैयार हैं। जी हां, बुधवार की शाम राज़धानी के सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में संयुक्त राष्ट्र संघ के विश्व खाद्य कार्यक्रम के लिए मशहूर सितार वादक अनुष्का शंकर ने अपनी प्रस्तुति दी।

अनुष्का को लाईव मैंने कभी नहीं सुना था, लेकिन कल मुझे लगा कि मैंने बहुत कुछ मिस किया है। आम सितारा-संतानों के उलट इस सितार-संतान के अंदर टैलेंट की खान है। मुझे लगात है वह ओवर रेटेड हैं, लेकिन कल उनका सितारवादन मुझे मुग्ध कर गया।

कार्यक्रम की शुरुआत अनुष्का ने राग पुरिया कल्याण से की। सभागार में मौजूद दर्शकों के लिए अनुष्का को सुनना अपने आप में बेजोड़ तज़ुर्बा था, और मेरे लिए भी।

अनुष्का के संगीत में जहां एक ओर अपने पिता की दी गई संगीत की बारीकियां और खूबियां मौजूद हैं, वहीं उनमें एक युवा होने के नाते एक मौलिकता भी है। सितार के पारंपरितक धुनों के बीच मुझे तो कभी जैज़ और हिप-हॉप की झलक भी सुनने को मिली। भूख के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान देने का संगीतमय योगदान शायद उनकी एक और मौलिकता है।

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