ये कोई नई बात नहीं। झारखंड बनने के बाद से ही नेताओं ने इसकी संपदा को किस कदर नोचना शुरु किया है। इस बाक की ताजा मिसाल मिली, हाल ही मे जारी जे पी एस सी यानी झारखंड लोक सेवा आयोग के रिजल्ट के प्रकाशन के बाद। इससे पहले व्याख्याता नियुक्ति प्रकरण पर पहले ही बावेला मच चुका है। अदालत में जा पहुंचे इस मामले में निगरानी विभाग आयोग की सहायता मांग रहा है। हालांकि उसे अभी तक इस बारे में निराशा ही हाथ लगी है। इस बीच दूसरे सिविल सेवा नियुक्ति के तहत प्रशासनिक वित्त, कोऑपरेटिव और पुलिस सेवा के लिे निकाले गए रिजल्ट पर भी सवाले खड़े हुए हैं। इस परीक्षा में आयोग के मौजूदा और पूर्व सदस्यों, नेताओं, विधायको ंऔर अफसरों की संतानों रिश्तेदार और नजदीकी, यहां तक की घर के नौकर को भी उत्तीर्ण किया गया है। मुमकिन है कि इनकी नियुक्ति की अनुशंसा प्रतिभा के बल पर हुई हो, लेकिन दिस तरह परिणाम में इनकी हिस्सेदारी दिख रही है, उसेस सवाल खड़े होना लाजिमी है। आयोग के सदस्य गौपाल प्रसाद सिंह के दो बेटे और एक नौकर परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। बेटों में से एक ने प्रशासनिक सेवा में चौथा और दूसरे ने वित्त सेवा में १४वां स्थान प्राप्त किया है। आयोग की सदस्य डॉ शांति देवी की भतीजी प्रशासनिक सेवा के लिए चुनी गई हैं। पूर्व सदस्य राधा गोविंद नागेश की पुत्री भी चयनित हुई हैं। पूर्व गृहमंत्री सुदेश महतो और विधा.यक राधाकृष्ण किशोर के भाईयों का भी चयन हुआ है।
सूची इस प्रकार है-
कुमारी गीतांजलि- भतीजी- डॉ शांति देवी, सदस्य जेपीएससी- प्रशासनिक सेवा- क्रमांक-१२३८८०१-एससी-रैंक १५(सा)
विनोद राम-भाई-डॉ शांति देवी, सदस्य जेपीएससी-प्रशासनिक सेवा-क्रमांक १४५१०५४ एससी- रैंक २- एससी
मौसमी नागेश- बेटी-राधागोविंद नागेश- पूर्व सदस्य, जेपीएससी- वित्त-क्मांक-१२३४८६८- एसटी -रैंक १५ सा
रजनीश कुमार-बेटा- गौपाल प्रसाद सिंह- सदस्य, जेपीएससी-प्रशासनिक सेवा- १४४६७७३- सा- रैंक-४ सा
कुंदन कुमार-बेटा-गौपाल प्रसाद सिंह- सदस्य, जेपीएससी-वित्त-क्मांक-१४५००३७-सा-रैंक १४ सा
मुकेश कुमार महतो-भाई- सुदेश कुमार महतो, पूर्व गृह मंत्री, झारखंड-पुलिस सेवा-११२०६३२- ओबीसी- रैंक १- ओबीसी
राधा प्रेम किशोर-भाई- राधाकृष्ण किशोर-विधायक- पुलिस- १४६३४५६-एससी- रैंक-१ एससी
कानू राम नाग- अर्जुन मुंडा के करीबी- प्रशासनिक१२३७९१-एसटी- रैंक १- एसटी
श्वेता वर्मा-पत्नी- मुकेश वर्मा- उप प्रशासक, रांची नगर निगम- प्रशासनिक-१४५१८७३- सा-रैंक ७ सा
रंजीत लोहरा-भाई- जगदीश लोहरा, जनाधिकार मंच- प्रशासनिक-१४५१४२३-एसटी- रैंक-५ एसटी
लक्ष्मी नारायण किशोर- साला- केशव महतो कमलेश- पूर्व विधायक-प्रशासनिक- ११११४२१- ओबीसी- २६ सा
यह तो महज बानगी है। यह लिस्ट अभी आधी ही है। पूरी लिस्ट देखकर कहीं जेनुइन अभ्यर्थियों का विश्वास न डोल जाए इस डर से गुस्ताख उसे प्रकाशित नहीं कर रहा है। वैसे भी गुस्ताख को इस बात की बेहद खुशी है कि नेताओं के बच्चे, पत्नियां, साले-सालियां, भाई और यहां तक की नौकर भी पढाई में जुट गए हैं और इतने काबिल हो गए हैं कि कमिशन्ड परीक्षाओं में रैंक होल्डर्स बन रहे हैं। सभी नैताओं की बधाई। रात-रात भर आंखें फोड़कर पढने वाले छात्रों, भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करों। जाओ, कहीं जाकर कुछ और कामृकाज खोजों। प्रशासन में जाना तुम्हारे बस का नहीं। आरक्षण की वकालत करने वालों देखों कि ज़रुरतमंदों की रोटी को कौन छीनकर खा रहा है।
2 comments:
बड़ी नाइंसाफी है ............... तुम तो अभी से सवाल उठाने लगे, झारखण्ड को अपने पिता की छाया से निकलने का टाइम तो दो. लल्लू परशाद कुछ खाने ही नहीं देते थे, अब जीवन भर की साध पूरी हो रही है तो तुम लोग भ्रष्टाचार का राग आलापने लगे. भाई-बच्चे कलेक्टर कमिश्नर होंगे तो आसानी रहेगी, और नौकर तो नमक का क़र्ज़ अदा करेगा ही.
बिहार की कोख से जन्मा झारखंड की मती इतनी जल्दी कैसे बदल जाएगी। मधु कोडा को वैसे भी लालू प्रसाद का बरदहस्त प्राप्त है। शिबू सोरेन भी कोडा साहब के आका है। सो गठबंधन धमॆ का पालन करना कोडा सरकार की मजबूरी है। जो लिस्ट आपने जारी किया है वो दिखाता है कि किस तरीके से नौकर चाकर से लेकर भाइ भतीजे उपकृत किए गये है नेताओँ के । शरम आ रही है आगे कुछ लिखने में ।
आपका
कुमार आलोक
Post a Comment