Tuesday, November 13, 2007

लस्ट फॉर लाइफ


दोस्तों, मैं हाल ही में मशहूर चित्रकार विंसेंट वॉन गॉग की जीवनी पढ़ रहा था। लस्ट फॉर लाइफ नाम की िस उपन्यासनुमा जीवनी को इरविंग स्टोन ने लिखा है। मैं सोच रहा था कि जो कुछ मैंने पढ़ा है, जो कुछ प्रेरक मुझे मिला..कुछ आपसे भी शेयर किया जाए..



अगर देखा जाए तो अपनी समग्रता में वॉन गॉग की जीवन भी किसी पेंटिंग सरीखा ही है। जिसमें स्थापित मान्यताओं के खिलाफ़ विरोधाभासों का अजीब, आकर्षक और चौंका देने वाला मिश्रण जैसी कुछ है। उसके जीवन में अगर दुख था, तो उतना ही तीव्र उल्लास भी था, जो सभी तरह की की विषमताओं का सामना करने के बाद पनपता है। उसमें अगर उपेक्षा की नितांत निजी पीड़ा थी, तो उतनी ही विशाल सहृदयता भी, जो दूसरों की पीड़ा भी अपनाने की इच्छा जगाती है।


कलाकारों के जीवन का मूल माने जाना वाला बिखराव वॉन गॉग के जीवन में भी कम न था। लेकिन उसमें एक क़िस्म का ऑर्डर भी था, जिसने ताज़िंदगी उसके पहले प्यार चित्राकारी से उसे बांधे रखा। इन सबके अलावा एक और बात जो विंसेंट में थी, वह थी जीवन के प्रति इसकी ईमानदारी और आस्था। बिना किसी लागलपेट के और समझौते के जिए गए इस जीवन ने ही वॉन गॉग के संपूर्ण व्यक्तित्व और कृतित्व को एक प्रेरक विराटता बख्शी है। यह ईमानदारी, यह आस्था--ग़ौर से देखें तो-- एक एक ब्रश स्ट्रोक के पीछे छिपी बेचैनी, अधीरता और सच्चाई में-- उसने दुनिया को अपनी विरासत सौंपी है।
लस्ट फॉर लाईफ-- हर बार इस अबूझ शख्सियत के चरित्र की नई परतें खोलने का अहसास देता है। विंसेंट के नाम और काम से अपिरचित व्यक्ति के लिए इतना जान लेना ज़रूरी है कि वह सच्चा और अभागा कलाकार था। अपने छोटे भाई के पैसों पर पलने वाला अव्यावहारिक व्यक्ति, जिसने बेल्जियम में बोरीनोज़ के कोयला खदानों के मज़दूरों से लेकर बेवफा़ उर्सुला तक और वेश्या रेचेल तक को समान रूप से प्यार दिया। ( रैचैल को तो उसने प्यार में अपना कान भी भेंट में दे दिया था।)


कभी इवांजेलिस्ट, कभी कला दीर्घा के क्लर्क, कभी डॉक्टर तो कभी हमदर्द चित्रकार के तौर पर...। विंसेंट ने चित्रों में जड़ जीवन( स्टिल लाइफ) की बजाय कूची के ज़रिए प्रवाहमान जीवन की रचना करने को ज्यादा अहमियत दी। ये बात और है कि इंप्रेशनिज़्म के जन्म के उस शुरूआती दौर में उसके काम को उसके जीवन काल में पहचान नहीं मिली, लेकिन सूरजमुखी हों, या फिर स्टारी नाइट... विंसेंट ने चित्रकारी को एक नई सीरत दी। वह जीना चाहता था,पर जी न सका..

विंसेंट वॉन गॉग की जीवनी पढ़ कर मैं बहुत अधिक प्रभावित हुआ हूं.. पाठकों को उसके जीवन और उसके काम के बारे में वक्त-वक्त पर बताता रहूंगा- गुस्ताख़

1 comment:

Manish Kumar said...

कुछ दिनों पहले जब अमृता प्रीतम का कहानी संग्रह दो खिड़्कियाँ में लेखिका द्वारा विंसेंट वॉन गॉग की प्रेमिका रेचैल के व्यक्तित्व में झांकने की कोशिश की गई थी। आज आपकी इस पोस्ट से इस कलाकार के बारे में कुछ और जानकारी मिली। शुक्रिया !