एक बार फिर बातें करना,
ज़िंदगी की गर्माहट की,
ताकि कुछ तो जान सकें--
वह गर्म नहीं है।
पर वह गर्म हो सकती थी।
मेरी मौत के पहले
एक बार फिर बातें करना
प्यार की,
ताकि कुछ तो जान सकें,
वह था--
वह ज़रूर होगा।
फिर एक बार बातें करना,
खुशी की, उम्मीद की,
ताकि कुछ लोग सवाल करें,
वह क्या थी, कब आएगी वह ?
मंजीत ठाकुर
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उम्मीद से उम्मीद
आशा से उम्मीद
फिर मनाएं ईद
ईद से भी उम्मीद
फिर मनाएं दीवाली
वहां भी आशा की हरियाली
फिर होली
यहां सब कुछ है
ठंडा, गर्म और गुनगुना
गुनगुनाने की उम्मीद
उम्मीद उम्मीद उम्मीद
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