एक अच्छी खबर शेयर करनी है. बहुत लंबे समय से प्रतीक्षा थी, वह क्षण आ गया है. मेरा पहला प्रिंट उपन्यास गर्भनाल बस आ रहा है. यह उपन्यास अभिजीत और मृगांका की प्रेम कहानी तो है ही, यह उस प्रेम को अलग स्तर पर ले जाती है. यहां जड़ों की तलाश में निकले नायक अभिजीत को मिलता है मृगांका का साथ.
कैसे, इसका उत्तर आपको उपन्यास में ही मिलेगा. ऐसे दौर में, जब लंबी रेखीय कहानी को भी उपन्यास कहा जाता है. गर्भनाल को मैंने औपन्यासिक शैली में लिखने की कोशिश की है, जिसकी कथा अरेखीय और बहुस्तरीय है.
इस किताब को आपके प्रेम और स्नेह की आवश्यकता है.
उपन्यास की कीमत 399 रुपए मात्र है.
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