Tuesday, November 5, 2024

वेब सीरीज- वाइल्ड वेस्टर्न सिनेमा के जॉनर में 1883 कविता सरीखा है

मुझे अमेरिकन काऊ बॉयज, वाइल्ड वेस्टर्न फिल्में पसंद हैं. खासकर, ऐसी फिल्में जिनमें अमेरिकन रेल बिछाने का या उसकी यात्राओं के दृश्य हों. काऊ बॉयज फिल्मों में तो बहुत-सी फिल्में देख रखी हैं. बस बी ग्रेड वाली ही बची होंगी.

इसी तरह अमेरिकी गृहयुद्ध पर बनी, रेड इंडियन्स से झगड़ों पर बनी सीरीज और यहां तक कि वेस्ट वर्ल्ड नाम की साइ-फाइ वेब सीरीज भी देख डाली जो हॉटस्टार पर थी और अब वहां नहीं है.

1883 का एक दृश्य


कहने का गर्ज यह है कि मोटे तौर पर हॉलिवुड ने वेस्टर्न के नाम पर अच्छा और कूड़ा जो भी बनाया है, उससे मैं मोटे तौर पर परिचित हूं. चाहे वह 1930 के दशक में बनी स्टेजकोच हो या फिल्म संस्थानों में पाठ्यक्रम में शामिल ‘वन्स अपॉन ए टाइम इ द वेस्ट.’

ऐसी ही एक सीरीज है येलोस्टोन. और इसका प्रीक्वल है 1883.

और आज मैं इसी 1883 की बात करने वाला हूं, क्योंकि सिनेमा अपने-आप में एक पेंटिंग और कविता भी होती है. वाइल्ड वेस्ट की कहानियों में कविता! यह खोजना ही मूर्खता है. क्या आप मिथुन की उन फिल्मों में कविता या बढ़िया सिनेमा की उम्मीद कर सकते हैं जो उन्होंने 2 साल में 40 रिलीज के दौर में बनाए थे?

एल्सा के किरदार में इशाबेल मे 


80 फीसद वाइल्ड वेस्टर्न और काउ बॉयज फिल्में लाउड और मेलोड्रैमेटिक होती हैं. और जो काऊ बॉय नायकत्व, लार्जर दैन लाइफ छवि हॉलीवुड ने गढ़ी है 1883 के दस एपिसोड उसको किरिच-किरिच तोड़ डालते हैं.
असल में, अमेरिकन वेस्ट के इतिहास को इतना रोमांटिसाइज किया गया और उसके नायक इतना खब्ती और रफ दिखाया गया कि उसकी नकल हिंदुस्तान में भी की गई. फिरोज खान का अपीयरेंस देख लें या फिर सत्ते पर सत्ता का अमिताभ बच्चन का रेंच.

1883 के निर्देशक टेलर शेरिडन हैं. और 1883 में यूरोपीय अप्रवासियों की टेक्सास से ओरेगन की यात्रा की रुखड़े और क्रूर असलियत को सामने लाती है.

इसमें डटन परिवार के पूर्वजों की गाथा है (जिन्होंने यलोस्टोन सीरीज देखी है, वह जानते हैं कि वह डटन परिवार के रेंच की आधुनिक समय की कहानी है).

1883 के एक दृश्य में इसाबेल मे

 
बहरहाल, यलोस्टोन सीरीज के नायक के परदादा जेम्स डटन की यह कहानी है.

असल में, डटन परिवार एक सपना लेकर टेक्सास से ओरेगन जा रहा है. और साथ में जर्मन और स्लोवाक भाषा बोलने वाले दो दर्जन परिवार भी साथ में चल रहे हैं. डटन ने अपनी पत्नी को वादा किया है कि वह उसके लिए इतना ब ड़ा घर बनाएगा कि वह उस घर में खो जाएगी.

लेकिन वह घर कहां बनेगा यह बड़ा प्रश्न है. इसके लिए डटन को पश्चिम की ओर की यात्रा करनी है. असल में डटन, अमेरिकन सिविल वार में कॉनफेडरेट आर्मी में कैप्टन रहा है. और इसलिए वह टेक्सास के मार-दंगे और क्रूर समाज से दूर निकल जाना चाहता है.

और इस यात्रा में वह एक कारवां के साथ जुड़ जाता है. वह यूरोपीय अप्रवासियों की मदद करने वाले दो एंजेट्स कैप्टन और थॉमस की ग्रुप के साथ बढ़ता है.



यूरोपीय अप्रवासियों के पास अमेरिकी वेस्टर्न की दुनिय में उत्तरजीविता के बुनियादी कौशल नहीं हैं. न घुड़सवारी आती है, न बंदूक चलाना आता है. यहां तक कि शिकार को काटकर मांस पकाना भी नहीं. और फिर छुद्र निजी लालच भी हैं.

डटन परिवार की बेटी किशोरी है. पूरी कहानी कई दफा उसके वॉइस ओवर से आगे बढ़ती है और उसके वॉइस ओवर ने इस सीरीज को सिनेमाई कविता में ढाल दिया है. अपने एक वॉइस ओवर में एल्सा (इशाबेल मे) कहती है, “डेथ इज एवरीवेयर इन प्रेयरी. इन एवरी फॉर्म यू कैन इमैजिन ऐंड फ्रॉम ए फ्यू योर नाइटमेयर्स कुडनॉट मस्टर.”
उदासियों, दुख, विषाद और पीड़ा से भरी यात्रा के बीच एल्सा का अपीयरेंस बादलों में बिजली का तरह होता है. वह खूबसूरत हैं और कई दफा आलिया भट्ट सरीखी दिखती हैं. उनके गालों में भी भट्ट की ही तरह डिंपल पड़ते हैं.
इस कथा क्रम में पीड़ा और मृत्यु के साथ, प्रेम है. एल्सा को प्रेम होता है. वह मुस्कुराती है. वह प्रेम को स्वीकार करती है.

1883 में अपनी सेटिंग और इपने किरदारों के इमोशनल कर्व को कमाल तरीके से पेश करता है और इसमें पश्चिमी रुखाई के साथ साथ प्रेम के कोमल पल भी हैं.

मेरे जो मित्र अच्छा सिनेमा देखने के शौकीन हैं, और खासकर अगर अमेरिकन वेस्टर्न फिल्मे देखने में मजा आता है, उनके लिए 1883 सरप्राइज पैकेज की तरह है.

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