Friday, June 20, 2025

19 जून, 2025 के मुख्य समाचार

मुख्य समाचार/ 19 जून

1. कटघरे में 'माननीय'
नकदी विवाद में जांच समिति की रिपोर्ट में कदाचार साबित, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने का प्रस्ताव आया. न्यूज एजेंसी पीटीआइ की खबर के मुताबिक, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से जले नोटों की कथित बरामदगी की जांच कर रही समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि न्यायमूर्ति वर्मा और उनके परिवार के सदस्यों का उस स्टोर रूम पर ‘गुप्त या सक्रिय नियंत्रण’ था, जहां से बड़ी मात्रा में अधजली नकदी मिली थी.

2. सैन्य संघर्ष भारत-पाक के समझदार नेताओं ने कियाः ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के दो ‘बहुत समझदार’ नेताओं ने एक ऐसे युद्ध को रोकने का ‘निर्णय’ लिया जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था.

3. कनाडा की खुफिया एजेंसी ने माना, भारत में हिंसा के लिए कनाडा की धरती का इस्तेमाल

4. भारत और क्रोएशिया रक्षा में करेंगे सहयोग
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविक के साथ वार्ता की जिसके बाद दोनों देशों ने ‘रक्षा सहयोग योजना’ तैयार करने पर सहमति जतायी और व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा तथा सेमीकंडक्टर समेत कई अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।

5. भारतीय छात्रों की वतन वापसी
ईरान से निकाले गए 100 से अधिक भारतीय छात्रों को लेकर विमान दिल्ली पहुंचा. युद्धग्रस्त ईरान से निकाले गए भारतीय छात्रों ने वहां के हालात को याद किया और घर वापसी के खातिर त्वरित कदम उठाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया.

6. पुलिस भर्ती में घोटाले की जांच में ईडी का छापा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार में 2023 में कांस्टेबलों की भर्ती में कथित घोटाले की धनशोधन जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कई राज्यों में छापेमारी की.

7. केरल के मंत्री को भारतमाता स्वीकार्य नहीं
केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और राज्य की वाम मोर्चा सरकार के बीच तकरार बृहस्पतिवार को उस वक्त बढ़ गई, जब सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी राजभवन के एक कार्यक्रम में भारत माता का चित्र लगाए जाने के विरोध में वहां से चले गए.

8. नाटो के खर्च अनुचितः स्पेन
स्पेन ने नाटो के रक्षा खर्च में अनुमानित वृद्धि को ‘अनुचित’ बताकर खारिज किया.
स्पेन ने रक्षा जरूरतों पर सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत खर्च करने के नाटो के प्रस्ताव को 'अनुचित’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया है. इस प्रस्ताव की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है.

9. फाइनल पर निशाना
भारतीय जूनियर तीरंदाज एशिया कप की पांच स्पर्धाओं के फाइनल में. भारतीय जूनियर तीरंदाजों ने अपना दबदबा कायम रखते हुए गुरुवार को एशिया कप के दूसरे चरण में पांच स्पर्धाओं के फाइनल में प्रवेश किया.

10. अडिग रहें गिलः तेंडुलकर
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव के कठिन दौर में टीम की कमान संभालने जा रहे शुभमन गिल को उचित समय और सहयोग दिया जाना चाहिये और नये कप्तान को सलाह दी कि ड्रेसिंग रूम से बाहर की टिप्पणियों पर सोचे बिना वह अपनी रणनीति पर फोकस रखें.


Wednesday, June 18, 2025

18 जून, 2025 के दस मुख्य समाचार

आज के मुख्य समाचार/ 18 जून

1. मोदी ने ट्रंप से कहा, पाकिस्तान की गुजारिश पर रोकी कार्रवाई, मध्यस्थता मंजूर नहीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष रोकने में मध्यस्थता की भूमिका निभाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए उन्हें बताया कि भारत और पाकिस्तान ने बिना किसी मध्यस्थता के अपनी सेनाओं के बीच सीधी बातचीत के बाद पिछले महीने सैन्य कार्रवाई रोकी थी. इस बारे में कांग्रेस ने कहा है कि ट्रंप से जो बात हुई है, उस पर सर्वदलीय बैठक बुलाएं और देश को विश्वास में लें प्रधानमंत्री.

2. केंद्र की ओर से 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाना लोकतंत्र का मजाक: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाए जाने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र और संविधान का मखौल बताया है.

3. अब मतदाताओं को 15 दिनों में मिलेंगे पहचान पत्र: आयोग

4. गोवा के संस्कृति मंत्री गौड़े को सरकार से हटाया गया : दामोदर नाइक

5. हिंदी में सुशील शुक्ल को बाल साहित्य व पार्वती तिर्की को युवा पुरस्कार देने की घोषणा

6. महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं तक हिंदी ‘सामान्यत:’ तीसरी भाषा बनाई गई; कांग्रेस, मनसे ने की निंदा
महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर राज्य में अंग्रेजी और मराठी माध्यम के विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से कक्षा पांच तक के विद्यार्थियों के लिए हिंदी को ‘‘सामान्य रूप से’’ तीसरी भाषा बनाया है, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं बनाया है.

7. अहमदाबाद में पिछले सप्ताह हुए एअर इंडिया विमान हादसे में मारे गए कम से कम 190 मृतकों की डीएनए मिलान के जरिए पहचान कर ली गई है और 32 विदेशियों समेत 159 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

8. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के दौरान दिल्ली के स्कूलों में कथित कक्षा निर्माण ‘घोटाले’ की धन शोधन जांच के तहत बुधवार को यहां कई परिसरों पर छापेमारी की।

9. खामेनेई ने आत्मसमर्पण के आह्वान को खारिज किया, अमेरिकी हस्तक्षेप से पूर्ण युद्ध छिड़ने की चेतावनी दी
इजराइल के भीषण हमलों के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को आत्मसमर्पण करने के अमेरिकी आह्वान को खारिज कर दिया और चेतावनी दी कि संघर्ष में अमेरिका की किसी भी सैन्य भागीदारी से उसे ‘‘अपूरणीय क्षति’’ होगी।

10. सरकार 15 अगस्त से 3,000 रुपये का फास्टैग आधारित वार्षिक ‘पास’ शुरू करेगी : गडकरी

#Headlines #newsupdate #ManjitThakur 

Tuesday, June 17, 2025

जी-7 में मोदी से लेकर, यूक्रेन-रूस, इजराइल-ईरान युद्ध तक 17 जून की 10 प्रमुख सुर्खियां

आज के मुख्य समाचार/ 17 जून

1. ईरान से 110 छात्र आर्मेनिया पहुंचे 
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से बाहर निकाल लिया गया है और उनमें से 110 लोग सीमा पार कर आर्मेनिया में प्रवेश कर गए हैं. इसकी पूरी व्यवस्था दूतावास ने की.

2. ट्रंप का ट्रंप कार्ड, खाली करो तेहरान! 
इजराइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकाने पर अचानक हमला करने के पांच दिन बाद तेहरान पर अपने हवाई हमले तेज कर दिये हैं. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राजधानी तेहरान के निवासियों को शहर खाली करने की चेतावनी दी.

3. ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर मोदी देंगे जोर 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह कनाडा के कनैनिस्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं से मुलाकात के दौरान महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे तथा ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं पर जोर देंगे.

4. छोटे क्वांटम में बड़ी कामयाबी 
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने क्वांटम संचार के क्षेत्र में एक बड़ी प्रायोगिक सफलता हासिल की है. इससे भारत भविष्य में साइबर सुरक्षा के लिए क्वांटम तकनीक का उपयोग करने की दिशा में अग्रसर हो जाएगा.

5. जनगणना को लेकर सरकार की नीयत साफ नहीं : पायलट 
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने जनगणना के लिए जारी अधिसूचना में ‘‘जातिगत गणना का उल्लेख नहीं होने’’ तथा बजट आवंटन को लेकर मंगलवार को सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि जाति जनगणना पर सरकार की नीयत साफ नहीं है. दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने प्रतिक्रिया में आरोप लगाया कि कांग्रेस 2027 की जनगणना पर “झूठा और भ्रामक” प्रचार कर रही है क्योंकि समाज में विभाजन पैदा करके सत्ता हासिल करने की उसकी उम्मीद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की राष्ट्रव्यापी कवायद में जातिगत गणना को शामिल करने के फैसले से ध्वस्त हो रही है.

6. थम-से गए परवाज 
एअर इंडिया की उड़ानों में मुश्किलें जारी हैं. साढ़े तीन साल पहले टाटा समूह द्वारा एयरलाइन को खरीदे जाने के बाद यह सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है. मंगलवार को विभिन्न कारणों से लंदन और पेरिस के लिए इसकी उड़ानें रद्द कर दी गईं. इसके अलावा, सैन फ्रांसिस्को-मुंबई उड़ान में तकनीकी गड़बड़ी के कारण यात्रियों को बीच में ही विमान से उतरना पड़ा.

7. युद्ध का दूसरा घातक कोण 
रूस ने यूक्रेन पर रात को उस समय मिसाइल और ड्रोन से हमले किए जब ज्यादातर लोग अपने घरों में सो रहे थे, जिससे कम से कम 15 लोगों की मौत हो गयी और 116 अन्य घायल हो गएच

8. और एक साल मुफ्त ऑनलाइन 'आधार' अपडेट 
नागरिकों को विशिष्ट पहचान संख्या 'आधार' जारी करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने दस्तावेजों को मुफ्त में ऑनलाइन अद्यतन करने की सुविधा 14 जून, 2026 तक बढ़ाने की घोषणा की है.

9. धान पर ध्यान 
धान बुवाई का रकबा इस खरीफ सत्र में अब तक 13 प्रतिशत बढ़कर 4.53 लाख हेक्टेयर हो गया है.

10. खेल में चमके 
भारत के जूनियर कंपाउंड तीरंदाजों ने एशियाई कप चरण दो में अपना दबदबा कायम रखते हुए पुरुष और महिला दोनों व्यक्तिगत स्पर्धाओं के फाइनल में प्रवेश किया. दूसरी तरफ, भारत की उप कप्तान स्मृति मंधाना मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय बल्लेबाजी रैंकिंग में 2019 के बाद पहली बार शीर्ष स्थान पर पहुंच गयीं


चावल और भेड़ का जीन संपादनः जैव-तकनीक में भारत की तीन उपलब्धियां, जो भविष्य की नींव रखेंगी

-मंजीत ठाकुर

युद्ध के मैदान में पाकिस्तान को पीटने की खबरों के शोर-शराबों के बीच दो ऐसी खबरें आईं, जिन पर कम ही लोगों का ध्यान गया, लेकिन जिसका असर आने वाले वक्त में किसी क्रांति से कम नहीं होगा.

पहली, दुनिया में पहली बार भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने जीनोम एडिटिंग के जरिए धान की दो नई किस्में तैयार की हैं. चावल की इन दो नई किस्मों को कम पानी और कम खाद तथा उर्वरकों की जरूरत होगी. ये बदलते मौसम के प्रति प्रतिरोधी गुणवत्ता वाली होंगी और इनकी पैदावार भी मौजूदा किस्मों की तुलना में तीस फीसद अधिक होगी. फसल भी सामान्य समय से बीस दिन पहले तैयार हो जाएगी. इन दो किस्मों के नाम डीआरआर-100 या कमला और पूसा डीएसटी राइस-1 रखे गए हैं और उम्मीद की जा रही है कि दोनों बीज देश के धान उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकेंगे.

दूसरी खबर, कश्मीर से आई जो अभी पहलगाम आतंकवादी हमलों के बाद से नकारात्मक रूप से खबरों में बना हुआ था और ऑपरेशन सिंदूर में कश्मीर पाकिस्तान की ज़द में था. लेकिन, शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज ऐंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के वैज्ञानिकों ने भारत की पहली जीन संपादित (जीन एटिटेड) भेड़ की किस्म भी तैयार की है और इसे एनिमल बायोटेक्नोलॉजी में मील का पत्थर माना जा रहा है.

वैज्ञानिकों ने इस मेमने में 'मायोस्टैटिन' जीन को एडिट किया है. यह जीन शरीर में मांस बनने के लिए जिम्मेदार होता है. इस संपादन के बाद नई किस्म वाली इस भेड़ में मांस की मात्रा तीस फीसद तक बढ़ जाएगी. इससे पहले यह गुण भारतीय भेड़ो में नहीं होती थी.

कुछ लोगों में जीएम फसलों को लेकर एक चिंता रही है लेकिन ध्यान रहे कि जीनोम एडिटिंग जेनेटिक मॉडिफिकेशन या जीएम नहीं है. जीनोम एडिटिंग में उसी पौधे में मौजूद डीएनए में एडिटिंग के जरिए डीएनए सीक्वेंसिंग बदली जाती है. जीनोम एडिटिंग एक सटीक तकनीक है जिसमें किसी जीव के डीएनए में छोटे-छोटे बदलाव किए जाते हैं. इसमें किसी विशेष जीन को काटा, हटाया या बदला जा सकता है. यह प्रक्रिया आमतौर पर CRISPR-Cas9 जैसी तकनीकों से की जाती है. इस विधि में बाहरी डीएनए को जीव के जीनोम में नहीं जोड़ा जाता, बल्कि प्राकृतिक जीन को ही संशोधित किया जाता है.

वहीं जेनेटिक मोडिफिकेशन (जीएम) में किसी दूसरे जीव का जीन लेकर उसे लक्षित जीव में जोड़ा जाता है. मसलन, बैक्टीरिया का जीन यदि किसी पौधे में जोड़ा जाए तो वह पौधा कीट प्रतिरोधी बन सकता है. यह परिवर्तन स्वाभाविक रूप से नहीं होता और इसे ‘ट्रांसजेनिक’ प्रक्रिया कहा जाता है.

इस प्रकार, जीनोम एडिटिंग अधिक सटीक और प्राकृतिक उत्परिवर्तन के करीब मानी जाती है, जबकि जीएम तकनीक में बाहरी जीन जोड़ने से अधिक जैविक परिवर्तन होते हैं.

यह क्रांतियां मौन हैं लेकिन कुछ समय के बाद इनके मुखर होने के संकेत दिखने लगेंगे. जलवायु परिवर्तन और बारिश के पैटर्न में आ रहे बदलावों से फसल चक्र को फिर से दुरुस्त किए जाने की जरूरत है. मॉनसून के बीच में आ रहे लंबे ड्राई स्पैल धान की पैदावार पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं और सिंचाई पर निर्भरता बढ़ रही है, जबकि भूमिगत जल के सोते सूखते जा रहे हैं. डीजल या बिजली चालित पंपों से सिंचाई खेती में इनपुट लागत को बढ़ा रही है, इससे किसानों का मुनाफा सिकुड़ता जा रहा है.

दूसरी तरफ हमें और अधिक अन्न उपजाने की जरूरत है क्योंकि देश की आबादी डेढ़ अरब को पार कर गई है और खाद्यान्न आदि में आत्मनिर्भर ही नहीं, सरप्लस होकर ही हम किसी भी रणनीतिक चुनौतियों का सामना कर पाएंगे. खाद्य सुरक्षा के साथ ही, सरप्लस अनाज हमारे विश्व व्यापार को अधिक व्यापकता देगा.

लेकिन बड़ा फायदा यह होगा कि पंजाब में चावल उगाने के लिए जो 5000 लीटर प्रति किलोग्राम और बंगाल में जो 3000 लीटर प्रति किलोग्राम पानी की जरूरत होती है उसको कम किया जा सकेगा. बढ़ती आबादी और कम होते जल संसाधनों के मद्देनजर यह बेहद महत्वपूर्ण खोज है.

शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज ऐंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के वैज्ञानिकों ने भारत की पहली
जीन संपादित (जीन एटिटेड) भेड़ की किस्म भी तैयार की है 


इन सब चुनौतियों के मद्देनजर ही, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘माइनस 5 और प्लस 10’ का नारा दिया है. इसके तहत, धान के मौजूदा रकबे में से पांच मिलियन हेक्टेयर कम क्षेत्र में दस मिलियन टन ज्यादा चावल उगाने का संकल्प है. खाली हुए पांच मिलियन रकबे को दलहन और तिलहन के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश होगी. किसानों को अत्यधिक पानी की खपत वाली चावल की खेती से दलहन और तिलहन की ओर ले जाने की कोशिशें अभी बेअसर साबित हुई हैं.

गेहूं और चावल की खेती पर तिलहन और दलहन की तुलना में प्राकृतिक मार कम पड़ती है. एमएसपी के कारण पैदावार बेचने में भी दिक्कत नहीं होती. बहरहाल, जीनोम एडिटिंग का अन्य फसलों के बीजों पर भी प्रयोग होने लगे तो किसान अपनी लाभकारी उपज के प्रति आश्वस्त हो सकेगा. और इसकी मिसाल है, भेड़ की नई जीन संपादित नस्ल, जो अधिक मांस उत्पादित करने में सक्षम होगी.

जलवायु परिवर्तन और तेजी से घटते भूमिगत जल भंडारों के मद्देनजर अगले दस साल में दुनिया में खाद्य उत्पादन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो जाएगा. भारत में जैव-प्रौद्योगिकी की यह नई खोजें भविष्य की ओर बढ़ाया मजबूत कदम है.

Saturday, June 14, 2025

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनलः चोकर्स के चैंपियन बनने के पीछे की दास्तान

क्रिकेट की दुनिया में दक्षिण अफ्रीकी टीम के बारे में मशहूर है कि बड़ी प्रतिस्पर्धाओं में वह अहम मौके पर जाकर दिशा भटक जाती है. जीत के लिए महत्वपूर्ण लगने वाले मोड़ों पर उसके पांव फिसलते हुए देखे गए हैं और इसलिए इस टीम को चोकर्स कहा जाने लगा.

दक्षिण अफ्रीका की टीम के दामन पर आईसीसी इवेंट्स में महत्वपूर्ण मैचों में बारंबार पराजित होने का दाग ढाई दशकों से लगा हुआ था, पर क्रिकेट विश्व टेस्ट चैंपिशनशिप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने इस धब्बे को छुड़ा लिया.

इससे पहले दक्षिण अफ्रीका को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पांच बार (साल 2000, 2002, 2006, 2013 और 2025) पराजय का सामना करना पड़ा था. इसीतरह वह आईसीसी एकदिवसीय विश्वकप के सेमीफाइनल में चार बार (साल 1992, 2007, 2015, 2023) में पराजित हो चुकी है. टीम ने पिछले साल टी-20 विश्वकप का ख़िताब भारत के हाथों गंवाया था.
फाइनल के फिसड्डी अब टेस्ट के सरताज है

क्रिकेट प्रेमियों को याद होगा कि ही टी-20 विश्वकप के फाइनल में किसतरह मैच भारत के हाथ से फिसलता हुआ लग रहा था. हेनरिक क्लासेन के विस्फोटक अंदाज और डेविड मिलर के सहयोग से उस रोज ऐसा लग रहा था कि दक्षिण अफ्रीका चोकर्स वाला स्टिकर दामन से छुड़ाकर मानेगी. इस जोड़ी ने 14वें और 15वें ओवर में 38 रन बनाकर दक्षिण अफ्रीका को विश्वकप खिताब के नजदीक पहुंचा दिया था.

दक्षिण अफ्रीका को 30 गेंदों में 30 रन बनाने थे और उसके छह बल्लेबाज अभी आउट होने बाकी थे. लेकिन सूर्यकुमार यादव के सीमारेखा पर लपके डेविड मिलर के बेहतरीन कैच, बुमराह के आखिरी दो बेहतरीन ओवरों के साथ हार्दिक पांड्या के दो विकेट ने निश्चित नजर आ रही जीत को हार में बदल दिया.

लेकिन दक्षिण अफ्रीका के लिए निराशाओं के काले बादलों का किस्सा बहुत पुराना रहा है. 1999 के वनडे विश्वकप में दक्षिण अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया से जीत के लिए 214 रन बनाने थे. लांस क्लूजनर ने झन्नाटेदार बल्लेबाजी से इस काम को आसान कर दिया था. मैच की आखिरी चार गेंदों पर जीत के लिए दक्षिण अफ्रीका को सिर्फ एक रन बनाना था. लांस क्लूजनर का आखिरी बल्लेबाज के रूप में एलन डोनाल्ड साथ दे रहे थे. आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर क्लूजनर रन लेने के लिए दौड़े पर डोनाल्ड गलतफ़हमी की वजह से दौड़े ही नहीं और विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने क्लूजनर को रन आउट कर दिया और मैच टाई हो गया. दक्षिण अफ्रीका ग्रुप मैच में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था, इस कारण ऑस्ट्रेलिया फाइनल में चला गया.

2015 के वनडे विश्वकप का ऑकलैंड में खेले जा रहे सेमीफाइनल में खेला जा रहा था. न्यूजीलैंड को आखिरी ओवर में जीत के लिए 12 रन बनाने थे. यह ओवर उस दौर के अगिया बैताल गेंदबाज डेल स्टेन फेंकने वाले थे, जिन्हें गति के साथ सटीक गेंदबाजी के लिए जाना जाता था. इस कारण इतने रन बनाने कतई आसान नहीं लग रहे थे. लेकिन बारिश आ जाने के कारण लक्ष्य घटैकर 298 रन कर दिया गया. यानी बदले हुए लक्ष्य ने न्यूजीलैंड के लिए मैच आसान कर दिया.

दक्षिण अफ्रीका महत्वपूर्ण मैचों में दुर्भाग्य तो बुरे प्रदर्शन का शिकार होती रही. लेकिन उनके नए कप्तान ने जीत का यह सूखा खत्म कर दिया. ऐसे में अफ्रीकी जीत के नायक तेम्बा बावुमा को हो माना जाना चाहिए. हालांकि, टेस्ट चैंपिशनशिप के फाइनल में एडन मारक्रम ने योद्धा की तरह 136 रनों की पारी खेली, लेकिन तेम्बा बावुमा ने दिलेरी से 66 रन बनाए. किसी भी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में यह सबसे बड़ी कप्तानी पारी है. दिलेरी इसलिए क्योंकि बावुमा का हैमस्ट्रिंग खिंच गया था फिर वह टीम के हित के लिए विकेट पर जमे रहे और भागकर रन बनाते रहे. अपनी पारी में 46 रन उन्होंने दौड़कर बनाए.

यह सच है कि बावुमा नायक की तरह उभरे हैं. खासकर इसलिए क्योंकि कप्तान बनने से पहले की उनकी बल्लेबाजी औसत के लिए, उनकी शारीरिक बनावट के लिए, उनके नाम से मिलती-जुलती गाली के लिए उन्हें शर्मिंदा करने की कोशिश की जाती रही.

तेम्बा का नाम का जुल भाषा में अर्थ होता है उम्मीद. निरंतर पराजय की परछाइयों से त्रस्त दक्षिण अफ्रीका को लिए तेम्बा बावुमा ने उस उम्मीद को साकार कर दिखाया है. कभी चोकर्स कही जाने वाली टीम अब चैंपियन है.

Wednesday, April 16, 2025

व्यंग्यः ट्रेन में एटीएम, बिहार के चुनाव के लिए मास्टर स्ट्रोक


खबर है कि ट्रेनों में अब एटीएम लगा करेगा. पंचवटी एक्सप्रेस में शायद लग भी गया है. यह अच्छा है. सरकार सबका भला चाहती है, ट्रेन लुटेरों का भी.

पहले लुटेरे लोग कट्टा-चाकू दिखाकर घड़ी-चेन-बटुआ निकालते थे. मोबाइल छीनते थे. गहना-गुरिया तो अब ज्यादा लोग पहनते नहीं. और बाकी का माल सेकेंडहैंड जवानी की तरह कौड़ी के दाम बिकती थी. तो सरकार ने लूट के काम को बूस्ट करने के वास्ते ट्रेन में एटीएम लगाने का काम किया है. अब लुटेरे प्रो-लेवल पर आएंगे. मुसाफिरों को भी कष्ट नहीं होगा.


ट्रेन में एटीएमः AI इमेज



लुटेरे आए, आपको कट्टा या चाकू जो भी उनके पास उपलब्ध हो दिखाया, आपको उठाकर ले गए दरवाजें के पास लगे एटीएम के पास. फिर बैलेंस चेक करवा कर दूसरी बार में सारा माल-मत्ता निकलवा लिया. यह सब आसानी से कर लेंगे.

इससे मुसाफिर भी खुश रहेंगे कि भारतीय रेल में सफर करते हुए पहले जब लुटते थे--और लुटते तो थे ही काहे कि सुरक्षा की स्थिति तो आप जानते ही हैं--तो कुछ न मिलने की सूरत में डाकू लोग चाकू-वाकू मार देते थे. अब चाकू तो नहीं मारेंगे कम से कम.

आप में से कोई शक्की यह कह देगा कि भाई सारी ट्रेनें तो नहीं लूट ली जातीं है. अरे भाई, सुरक्षा के मद्देनजर संभावनाएं तो हर ट्रेन में हैं कि जब चाहे तब लूटी जा सकती हैं. लेकिन वह तो लुटेरों का अभी वर्क फोर्स कम है--कुछ लोग असल में राजनीति में चले गए हैं, कुछ पत्रकार बन गए हैं--और कुछ तो उनकी भलमनसाहत है. दूसरी, मूड का मसला है कि जाओ जी, इस ट्रेन को नहीं लूटेंगे.

बिहार जाने वाले यात्रियों से अनुरोध है भैय्ये जरा धेयान से, सूबे में इलेक्शन आने वाला है. इलेक्शन के टाइम में उधर ट्रेने बहुत लूटी जाती हैं. लूटी नहीं जाएंगी तो क्या लोग घर के खर्चे से इलेक्शन लड़ेंगे? घर फूंक कर तमाशा देखने कह रहे हैं आप लोग! जनसेवा क्या घर की बचत से होगी? तो चुनावी खर्चे के लिए ट्रेन नहीं लूटी जाएगी तो क्या डाकू घर-घर जाकर वोट और नोट दोनों छीनें! हां नीं तो!

यह तो सरकार ने अच्छा किया है कि ट्रेनों में एटीएम लगवा दिया. चुनाव को सपोर्ट करने का यह अच्छा सिस्टम है. सरकार चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करना चाहती है. सरकार का पूरा भरोसा है कि सिर्फ मछली पकड़ना सिखाना ही किसी को सपोर्ट करना नहीं होता, कई दफे उसकी झोरी में पांच किलो का रोहू सीधे-सीधे भी डाल दिया जाना चाहिए.

#ठर्राविदठाकुर

Thursday, April 10, 2025

वेबसीरीज दुपहियाः जनहित में जारी सरकारी विज्ञापन जैसी जमीन से कटी सीरीज

मंजीत ठाकुर

हाल ही में अमेजन प्राइम वीडियो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वेबसीरीज दुपहिया आई है. दुपहिया मोटे तौर पर पंचायत की लाईन पर बनी है, या ऐसा कहना चाहिए कि पंचायत की प्रेरणा से बनी सीरीज है. बेशक यह सीरीज अपने केंद्रीय विषय दहेज प्रथा को लेकर चलती है. लेकिन साथ में हिंदुस्तानी गांवो (और शहरों में भी) व्याप्त गोरेपन को लेकर जो पूर्वाग्रह और दुराग्रह है उसे लेकर कड़ी टिप्पणी करती है.

बिलाशक इस बेवसीरीज ने दो बेहद बढ़िया और जरूरी विषय उठाए हैं. लेकिन, विषय उठाने तक ही मामला अच्छेपन पर खत्म हो जाता है. एक अच्छे विषय का ट्रीटमेंट इतना सतही है कि लोगों का ध्यान दहेज की बुराई की तरह कम ही जाता है. हां, प्रतिभावान लेकिन रंग से काली लड़की के अहसासे-कमतरी का चित्रण बहुत अच्छे से हुआ है.

इस बेवसीरीज के साथ बहुत सारे किंतु-परंतु हैं और इस सीरीज का लेखन बेहद कम रिसर्च के साथ हुआ है. लेखक और क्रिएटिव टीम के लोग ऐसा प्रतीत होता है कि कभी बिहार गए नहीं हैं. पहली बात, बनवारी झा (गजराज राव) की बेटी रोशनी झा (शिवांगी रघुवंशी) की शादी कुबेर प्रसाद से हो रही है. चौबीस साल से अपराधमुक्त गांव इतना पिछड़ा है कि मोटरसाइकिल को दुपहिया कहता है. चलिए, मान लेते हैं. लेकिन अगर इतना पिछड़ा है तो लेखक को यह पता होना चाहिए कि दहेज प्रथा को जी-जान से अपनाने वाले गांव में किसी ‘प्रसाद’ लड़के की शादी किसी ‘झा’ लड़की से नहीं हो सकती. हालांकि, विकिपेडिया में दी गई जानकारी के मुताबिक, इस सीरीज में दूल्हे का नाम कुबेर त्रिपाठी है. तो भी, लेखकों को बिहार की जाति-व्यवस्था का रंच मात्र भी ज्ञान नहीं है और त्रिपाठी ब्राह्मणों की शादी बगैरे किसी झमेले के मिथिला के ब्राह्मण की बेटी से की जा रही है. लेखकों को पता होना चाहिए कि बिहार में जाति एक सच है और वहां गोरे काले के भेद से ज्यादा गहरा भेद जाति का होता है.

असल में, सिनेमा या वेबसीरीज में देखकर बिहार के गांवों के पहचानने और जानने की कोशिश का यह कुफल है.

गांव को ठीक से नहीं समझ पाने का एक उदाहरण यह भी है कि धड़कपुर गांव में काले लोगों को गोरा बनाने का दावा करने वाली क्लीनिक मौजूद है, लोग स्मार्ट फोन पर रील देखते हैं और बनाते हैं पर बाकी दुनिया का पिछड़ापन मौजूद है.

तीसरी बड़ी खामी बिहार की पंचायती राज व्यवस्था को लेकर लेखकों का अज्ञान है. बिहार में पंचायती राज में मुखिया होते हैं, सीरीज में मुखिया का जिक्र ही नहीं है. बिहार के पंचायतों में 33 फीसद महिला आरक्षण है, यहां धड़कपुर में सिर्फ एक ही महिला पंच है. और तो और पार्टी की तरफ से सरपंच के लिए टिकट भी बांटते दिखाया गया है.

सिनेमा की दुनिया में बिहार के साथ दिक्कत यह हो रही है कि हर कोई इसे अपनी सीरीज की प्रयोगशाला बनाए हुए है. संवादों की भाषा यह है हर संयुक्त अक्षर को लोग तोड़कर बोल रहे हैं. महिला पंच बनी पुष्पलता यादव (रेणुका शहाणे) की स्क्रीन पर इतनी बुरी स्थिति मैंने आज तक नहीं देखी थी. वह अपनी गरिमा के साथ मौजूद तो हैं किरदार में ढल भी गई हैं लेकिन उनके संवाद लेखकों ने उन्हें अच्छे संवाद नहीं दिया है. मसला संवादों के लहजे का है.

दुपहिया सीरीज की बिरयानी बनाने के लिए निर्देशक ने सारे मसाले झोंक दिए हैं और इससे यह व्यंजन बेजायका हो गया है. और कुछ न हुआ तो रोशनी झा के भाई बने भूगोल झा (स्पर्श श्रीवास्तव) जिन्होंने लापता लेडीज में बड़ा मुतमईन करने वाला परफॉर्मेंस दिया था और रोशनी के पूर्व प्रेमी अमावस (भुवन अरोड़ा) को लौंडा डांस में उतार दिया. उससे भी मन नहीं भरा तो दोनों के बीच फाइटिंग सीन डाल दिया.

पहले कुछ एपिसोड में तो स्पर्श श्रीवास्तव ओवर एक्टिंग करते दिखे लेकिन बाद में जाकर वह सहज लगने लगे. संवादों को मजेदार बनाने की खातिर कई बार ऐसी बातें की गई हैं जिससे हंसी नहीं आती, बल्कि वह हास्यास्पद लगती है.

रोशनी के पिता के रूप में गजराज राव ने भावप्रवण अभिनय किया है. बृजेंद्र काला एक स्थानीय अखबार के मालिक-संपादक के रूप में मजेदार हैं. हालांकि, वह कैमियो रोल में ही हैं. पत्रकार के रूप में चंदन कुमार ठीक लगे हैं. एएसआई बने मिथिलेश कुशवाहा (यशपाल शर्मा) राहत के झोंके की तरह बीच-बीच में आते हैं. वह किसी भी किरदार में फिट बैठते हैं.

बिहार के देहातों पर बनी किसी भी सीरीज की तुलना हमेशा पंचायत से बनेगी. पंचायत की तरह सूदिंग बनाने के चक्कर में इस सीरीज में हर किसी को अच्छा बनाने की कोशिश की गई है. साथ ही, अमावस और रोशनी के बीच प्रेम को खुलेआम दिखाया गया है और इस बात का पता न सिर्फ रोशनी के परिवार को होता है बल्कि दोनों बेरोकटोक मिलते हैं. बिहार के गांव इतने आसान नहीं हैं.

पंचायत की तुलना में दुपहिया का संगीत कमजोर है.

झा परिवार की शादी में मिथिला की संस्कृति की कोई झलक नहीं दिखती है. शादी के घर में न गाना न बजाना. बिहार के गांव के सेट अप में यह सीरीज ऑर्गेनिक नहीं लगती.

आखिरी एपिसोड तो खैर, जनहित में जारी सरकारी विज्ञापन सरीखा हो जाता है. दहेज प्रथा पर भाषण, गोरे-काले के भेद पर भाषण और हां, क्लिप्टोमेनिया यानी छोटी चीजें चुराने की आदत पर भी एक ज्ञान.

सीरीज एक बार मनोरंजन के लिए देखी जा सकती है, पर कभी भी याद नहीं रखी जाएगी. पंचायत सीरीज जिस तरह लोगों की जबान को परिष्कृत कर चुकी है और दामाद जी तथा बनराकस मीम मटेरियल बनने में कामयाब रहे, और बाकी किरदारों को भी प्रेम मिला, वैसी लोकप्रियता दुपहिया हासिल नहीं कर पाएगी.