Monday, September 24, 2012

सुशासन का तेज़ाबी चेहराः ज्योति को इंसाफ चाहिए

बिहार के सुशासन का बड़ा शोर है, लेकिन इसका असली चेहरा कुछ और ही है। जाति के बंधनों में जकड़े इस सूबे के हालात पर चाहे जितना लिखा जाए, कम ही होगा। लेकिन जाति ने कानून के हाथ भी बांध दिए हैं। 

22 सितंबर की शाम मेरे मित्र गौरव गया के दौरे पर थे। शाम में उनकी बातचीत शहर के मंगला गौरी मंदिर के पुजारी से हो रही थी। बातचीत के क्रम में ही प्रमोद कुमार वैद्य (पुजारी) फफक कर रोने लग गए। गौरव के बहुत पूछने पर उन्होंने बताया तो कुछ नहीं, बस अपनी बेटियों की तस्वीर आगे कर दी। गौरव तस्वीर देखकर सन्न रह गए। 

उनकी बेटी ज्योति पर एक मनचले ने तेज़ाबी हमला कर दिया था। हमले में ज्योति और उनकी छोटी बहन श्रुति बुरी तरह घायल हो गए। ज्योति करीब 70 फीसद जल गई। 
ज्योतिः हमले से पहले


लेकिन इस मामले में दो साल बीत जाने पर अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

हुआ यों कि गया शहर की ज्योति से मुहल्ले के एक मनचले टुनटुन कुमार को प्यार हो गया था। आए दिन वह ज्योति का पीछा किया करता था। लेकिन ज्योति के विरोध के बाद एक दिन, अहिंसा के पुजारी बापू के जन्मदिवस 2 अक्तूबर को अहिंसा के जन्मदाता महात्मा बुद्ध के स्थल गया में ज्योति पर तेजाबी हमला कर दिया गया। इस हमले में ज्योति बुरी तरह जल गई और उनकी बहन श्रुति भी बुरी तरह घायल हो गई। यह घटना साल 2010 की है।

ज्योति तेजाबी हमले के बाद

जब श्री वैद इसकी शिकायत लेकर कोतवाली थाने गए तो थाना प्रभारी सी के झा ने प्राथमिकी दर्ज करने के एवज़ में दस हज़ार रूपयों की मांग की और नहीं देने पर प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया। टुनटुन (अभियुक्त) के पिता प्रदीप कुमार झा ने श्री वैद को जान से मारने की धमकी भी दी। 

अब इस घटना को दो साल बीत चुके हैं, लेकिन आर्थिक रूप से असहाय वैद के सामने कोई रास्ता नहीं बचा। ज्योति अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को जारी रखने का मन बना चुकी है, लेकिन उसके पास इसका रास्ता नहीं...उसे नहीं पता कि आखिर उसे न्याय कैसे हासिल होगा।

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5 comments:

rashmi ravija said...

बहुत ही दुखद है यह..अपराधी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाई की जानी चाहिए .ज्योति को इन्साफ तो क्या मिलेगा,उसकी दुनिया ही बदल दी ,इस क्रूर कृत्य ने. फिर भी कम से कम दिल को सुकून तो मिलेगा कि अपराधी को सजा भी मिल गयी और वह भी एक सामान्य जीवन जीने से वंचित हो गया,(हालांकि पता नहीं अपराधी को सजा मिलने में कितने साल लग जाएँ )

उस थाना प्रभारी के खिलाफ भी कार्यवाई कि जाने चाहिए जिसने पैसे मांगे और अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया.

प्रवीण पाण्डेय said...

दुखद और मार्मिक, पता नहीं सुशासन को कैसे बचाये रखा जा सकता है यदि दोषियों को सजा नहीं मिल पाती है।

Vinay said...

very sad...that guy should get punishment otherwise such incidents will keep on happening.

Vibhay Kumar Jha said...

इस घटना को जितनी भी निंदा की जाई उतनी ही कम है. बिहार सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा.
लिंक : http://www.vkjha.in/p/other-news.html

Vibhay Kumar Jha
www.VKJha.in

Rakesh Jha said...

Very disheartening incident, This should be inform to our favorite Nitish Kumar chief minister of Bihar.