पहले बता दूं कि अपने चैनल की खबर का असर लाल पट्टियों पर मोटे-मोटे हरफों में लिखने वालों के लिए ये मेरा खास पैगाम है। आपकी खबर का असर सरकार तक है, मेरी खबर का असर ऊपर वाले तक। अपना गुणगान नहीं कर रहा क्योंकि मुझे दुनिया के महानतम पापियों में गिना जाता है। लेकिन खबर के ऐसे पॉजिटिव असर से मैं बेहद खुश हूं।
पिछली २३ तारीख से पश्चिम बंगाल में हूं। चुनाव की कवरेज पर..आज आखिरी दौर की वोटिंग भी खत्म हो गई।
जब २३ की शाम मैं मालदा पहुंचा, तो चाय की दुकान पर ही मालूम पड़ा कि मालदा सूखे से त्रस्त है। मालदा ही क्यों उत्तरी दीनाजपुर और जलपाई गुडी़ में भी। चाय के बागान सूखने लगे थे। पिछली सितंबर में बारिश हुई थी, उसके बाद से पानी की बूंद नहीं टपकी थी। लिहाजा, मालदा का मशहूर आम इस बार रसहीन रहा है। आम के साथ दूसरी फसले भी कमजोर दिखीं।
कुमारगंज से दार्जिलिंग की सुखना तक तपिश का असर कठोरतम था। दर्सल, इस इलाके में जाड़े के बाद और मॉनसून-पूर्व की बारिश होती है। इसकी मात्रा ७० मिमी से ११० मिमी तक होती है। लेकिन िस बार यह बारिश नदारद थी। मछली के उत्पादन पर असर पड़ रहा था।
लोगों ने भूमिगत जल का दोहन शुरु कर दिया। फिर तो, इलाके का जलस्तर ६ फुट तक नीचे चला गया। लेकिन इस समस्या को चुनावी मुद्दा तो दूर िस पर बोलने के लिए कोई भी पार्टी तैयार नहीं थी। २४ तारीख को ही हमारी पूरी टीम इस िलाके में घूमी और हमने ेक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें सूखे के असर को दिखाया और कहा कि ये क्यों चुनावी मुद्दा नहीं है।
बहरहालस राजनैतिक दलों ने देखा, नहीं देखा, मुद्दे के रुप में उन्हे सूझा या नहीं पता नहीँ। लेकिन ऊपरवाले को ये शायद पसंद आ गई। और स्टोरी रन होने के एक दिन ही बाद मालदा, िस्लामपुर, रायगंज और जलपाईगुड़ी मेंवो झमाझम बारिश हुई कि दिल खुश हो गया।
इसी से तो कहता हूं मेरी खबर का असर ऊपरवाले तक है। तो दीजिए न मुझे बेस्ट जर्नलिस्ट अवॉर्ड..यंग जर्नलिस्ट अवार्ड वालों... रामनाथ गोयनका पुरस्कार वालों सुन रहे हो क्या?
8 comments:
aaj tak aap se abhi bolgs pade ha but is ko padh kar maza aagya.... shayad ise vajha se comment bhi kar dya.... good one.....
तुम महान हो।
itni gusthakhi kon kar sakta hai
तब तो ऐसा कुछ चलाओ कि पूरी संसद ही सुधर जाये...चला दो न भाई. वहाँ भी तो अक्ल का सूखा पड़ा है.
अब हम लिस्ट भेज रहे है.....ऊपर वाले के लिए ...
kya baat hai sir aap to hamesha ki tarah lajawaab kar gaye
waise itna asardaar likhne ke liye aap ko kotisah subhkaamnayen
shanti deep verma
sahi hai bhai sab aap to badey pahuchey huey gustaakh ho...gustakhi kartey raho !!
mohit
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